Highlights
- मैं अपने जीवन की आहुति देने को तैयार रहती हूं: भारती
- "मैं तो पार्टी से कहूंगी कि अबकी बार कोई तीसरा राज्य दिया जाए"
- "गाय के लिए, तिरंगा के लिए एवं राम के लिए मैं अपनी जान दे सकती हूं"
Uma Bharti: भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश को छोड़कर किसी तीसरे राज्य से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। भारती मध्यप्रदेश के खजुराहो एवं उत्तरप्रदेश के झांसी से लोकसभा सांसद रहने के साथ-साथ मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री रह चुकी हैं। भारती ने भोपाल में अपने निवास पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘अभी वर्ष 2019 में मैंने ही कहा था मुझे चुनाव नहीं लड़ना है, पर अगला चुनाव लडूंगी।’’ उनकी मीडिया से इस चर्चा का फेसबुक पर सीधा प्रसारण किया गया।
भारती ने कहा, ‘‘आज मैं खुलासा कर देती हूं कि सभी लोग मुझे फेसबुक पर सुन रहे हैं, (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह चौहान जी ने मुझे डेढ़ साल (पहले) मध्यप्रदेश से चुनाव लड़ने का आफर दे दिया, लेकिन मैंने ही इनकार कर दिया कि शिवराज जी मैं जिस लोकसभा से चुनाव लड़ती हूं, वहां कोई बड़ा नया काम हो जाता है, जैसे खजुराहो में ललितपुर रेलवे लाइन एवं केन-बेतवा (नदी जोड़ने की परियोजना)हो गई, झांसी में डिफेंस कोर का बड़ा कार्यालय आ गया एवं 50,000 करोड़ रूपये के निवेश हो गए।’’
'मैं कहीं से भी चुनाव जीत सकती हूं'
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘तो अब मैं सोचती हूं कि क्यों न किसी तीसरे राज्य में (चुनाव लड़ने के लिए) कहूं, क्योंकि भगवान ने मुझे इस लायक बनाया है कि मैं कहीं से भी चुनाव जीत सकती हूं। मैं तो पार्टी से कहूंगी कि अबकी बार कोई तीसरा राज्य दिया जाए। इसलिए मुझे मध्यप्रदेश में जमीन तलाशने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे नेतृत्व में यहां (मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में) चुनाव हो चुका है। मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी स्वेच्छा से (23 अगस्त 2004 में) छोड़ चुकी हूं। मैंने सांसद होने का, फिर से केन्द्रीय मंत्री होने का प्रलोभन खुद छोड़ा, क्योंकि मुझे गंगा नदी का कार्य करना था और उसके किनारे पैदल चलने के लिए जनजागरण का काम करना था।’’
'तिरंगे के शान के लिए छोड़ दी थी मुख्यमंत्री की कुर्सी'
भारती ने कहा, ‘‘मैंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तिरंगे के शान के लिए छोड़ दी थी। आगे भी गाय के लिए, तिरंगा के लिए एवं राम के लिए मैं अपनी जान दे सकती हूं।’’ लंबे समय से मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही भारती ने कहा कि मध्यप्रदेश में अभी भी यह आंदोलन बिना किसी राजनीतिक लालसा के है। मेरे प्रयासों से अगर 10 लाख लोगों की भी शराब छूट गई, तो 50 लाख लोग इससे प्रभावित हो जाएंगे क्योंकि एक व्यक्ति के ऊपर चार लोग आश्रित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने जीवन की आहुति देने को तैयार रहती हूं; मैं तो हर बार हर काम ऐसे ही करती हूं। घुसपैठ के खिलाफ लड़ाई हुई, तब भी यही था और आज देखिए असम में (भाजपा की) सरकार बनी हुई, त्रिपुरा में (भाजपा की) सरकार बनी हुई है।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘कर्नाटक में तिरंगा अभियान की लड़ाई हुई तब भी ऐसा ही था, जीवन की आहुति देने को तैयार थी। आज वहां (कर्नाटक में भाजपा की) सरकार बनी हुई है। उत्तरप्रदेश में राममंदिर देख लीजिए। जीवन की आहुति देने को तैयार थी, आज वहां (उत्तरप्रदेश में भाजपा की) सरकार बनी हुई है। मध्यप्रदेश में (वर्ष 2000 से 2003 तक) तीन-चार साल तक धूल-धक्के खाती रही, हम तो साधन हीन थे, उस समय। तब हमने यहां (मध्यप्रदेश में भाजपा की) सरकार बना ली और तिरंगे के लिए छोड़ दी।’’