सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस दिन देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगेगा। इसे लेकर मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी खास तैयारियां की गई थी। सावन महीने की तैयारियों का जायजा देते हुए उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि शहर में मौजूद सभी होटल के बाहर बोर्ड पर होटल का हिंदी में नाम और संचालक का नाम भी लिखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर पहले भी होटल के मालिकों की बैठक कर पहले ही बता दिया गया है। यदि इस आदेश का कोई पालन नहीं करता है तो होटल को बंद कर दिया जाएगा।
उज्जैन प्रशासन ने लिया यूटर्न
हालांकि अब स्थिति पूरी तरह बदल चुका है। महाकाल की नगरी उज्जैन में दुकानदारो के नाम और नंबर लिखने के मामले में 24 घंटे में ही शासन प्रशासन ने यूटर्न ले लिया है। कल महापौर ने बयान दिया था कि एक वर्ष पहले हम दुकानदारों के नाम लिखवाने वाली बात लागू कर चुके हैं। दुकानदार होटल वाला अगर इस बात को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ हम कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कि उज्जैन के कलेक्टर ने बी कहा था कि किस व्यक्ति का होटल है, किससे शिकायत करनी है, लो जो रुकने आ रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए।
इंडिया टीवी से बात करते हुए क्या बोले अधिकारी?
इंडिया टीवी से बात करते हुए महापौर मुकेश टेटवाल पलटे ने कहा लोगों की सुरक्षा के लेकर ट्रेड लाइसेंस और गुमास्ता में जो नियम है, मैंने उसकी बात कही थी, मुझ पर कोई दबाव नहीं है। नियम अनुसार कार्रवाई करेंगे। वहीं इंडिया टीवी से बात करते हुए उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा हमने एक बैठक में एक साल पहले प्रशासन को निर्देश दिए थे। प्रोपराइटर का नाम अंकित होना चाहिए। वह होटल हो या लॉज, जिला कलेक्टर और महापौर नए हैं। उन्हें अभी जानकारी नहींहोगी, हम पर कोई दबाव नहीं है। नगर पालिका उज्जैन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा दुकानों पर नाम लिखवाने और जुर्माना लगाए जाने का नगर निगम उज्जैन द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है और ना ही कोई कार्रवाई की जा रही है।