इंदौर: उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके चलते महकाल मंदिर प्रशासन के सामने रोज नई चुनौतियां आ रहा हैं। अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए महाकालेश्वर मंदिर परिसर में खास सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग के जरिये हर रोज करीब आठ लाख श्रद्धालु भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल महाकालेश्वर मंदिर में आसानी से दर्शन कर सकेंगे। बता दें कि श्री महाकाल महालोक कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की तादाद लगातार बढ़ी है।
फिलहाल हर दिन दो लाख श्रद्धालु कर पाते हैं दर्शन
उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि फिलहाल महाकालेश्वर मंदिर में हर दिन दो लाख श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर पाते हैं। हालांकि, पर्व-त्योहारों के दौरान श्रद्धालुओं की दैनिक तादाद जब तीन लाख के आसपास पहुंचती है, तो हमारे लिए भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं होता।’’ उन्होंने कहा कि इस स्थिति के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकालेश्वर मंदिर में खास सुरंग बनाई जा रही है। पुरुषोत्तम के मुताबिक, ‘‘इस सुरंग के निर्माण के बाद हर रोज करीब आठ लाख श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर में सुगमता से दर्शन कर सकेंगे।’’
42.35 करोड़ रुपये की लागत से होगा दूसरे चरण का कार्य
अधिकारियों ने बताया कि सूबे के आगामी विधानसभा चुनावों की बढ़ती सरगर्मियों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ‘‘श्री महाकाल महालोक गलियारे’’ के दूसरे चरण के तहत 242.35 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों का पांच अक्टूबर (बृहस्पतिवार) को लोकार्पण किया जाना है। उन्होंने कहा कि इनमें नीलकंठ क्षेत्र, शक्तिपथ, अन्न क्षेत्र, महाराजवाड़ा परिसर और छोटा रुद्रसागर के विकास कार्य शामिल हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, गलियारा परियोजना के दूसरे चरण के तहत महाकालेश्वर मंदिर परिसर में खास स्थान भी विकसित किया जा रहा है, जहां हजारों श्रद्धालु इस मंदिर के शिखर के दर्शन कर सकेंगे।
AI से लैस 700 कैमरे लगाए जाएंगे
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि गलियारा परियोजना के तहत इस धार्मिक परिसर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस करीब 700 कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये कैमरे अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष से जुड़े हैं, जिसके जरिये महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल महालोक की सतत निगरानी और भीड़ प्रबंधन किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘श्री महाकाल महालोक" गलियारे की महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण का लोकार्पण 11 अक्टूबर 2022 को किया था।