इजराइल-हमास युद्ध के बीच मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की बेटी इन दिनों वहां फंसकर रह गई है। वह साल 2020 में एग्रीकल्चर से एमएससी करने इजराइल गई थी। इसी महीने डिग्री कंप्लीट होने पर उसे वापस घर लौटना था, लेकिन इजराइल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के चलते वह हॉस्टल में बुरी तरह फंस गई है। अपनी बेटी को सुरक्षित लाने के लिए उसके पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। 30 अक्टूबर को लड़की का वीजा भी समाप्त हो रहा है।
युद्ध के चलते परिजनों की बढ़ी चिंता
दरअसल, एग्रीकल्चर से एमएससी करने के लिए शिव धाम कुंडेश्वर निवासी स्वाति पिता राजेंद्र सिरोटिया ने साल 2020 में इजरायल में ऑनलाइन आवेदन किया था। सिलेक्शन हो जाने के बाद नवंबर 2020 में स्वाति इजराइल चली गई। उसके पिता राजेंद्र ने बताया कि स्वाति येरूशलम की हिब्रू एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री कर रही हैं। पिछले साल अक्टूबर के महीने में वह घर आई थी। करीब 1 महीने रहने के बाद नवंबर में वापस चली गई थी। इस महीने इसकी डिग्री कंप्लीट हो रही है और थीसिस के चलते वह रुक गई थी। इस बीच 7 अक्टूबर को अचानक हमास और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ गया जिसके चलते बेटी स्वाति हॉस्टल में फंसकर रह गई है।
'एंबेसी ने कोई मदद नहीं की'
पिता ने बताया कि कल सुबह स्वाति से फोन पर बात हुई थी। उसने बताया कि फिलहाल वह हॉस्टल में सुरक्षित है। सायरन बजते ही डेढ़ मिनट के अंदर बंकर में जाना पड़ता है। हॉस्टल में जो कुछ खाने पीने का इंतजाम है, उससे ही काम चलाया जा रहा है। परिवार से वीडियो कॉल पर स्वाति ने बताया, ''इजराइल में सिर्फ एक एयर लाइन सेवा चल रही है। इंडिया के लिए डायरेक्ट फ्लाइट 14 अक्टूबर तक बंद है। हमारे लिए एंबेसी ने कुछ नहीं किया। कोई मदद नहीं की।''
केंद्र और प्रदेश सरकार से लगाई गुहार
स्वामी के पिता राजेंद्र सिरोटिया ने बेटी को सुरक्षित भारत लाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र सौंपा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से बेटी को सुरक्षित घर लाने की अपील की है।
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