मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक और डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार साइबर अपराधियों ने निजी टेलीकॉम कंपनी के फील्ड इंजीनियर प्रमोद कुमार को अपना शिकार बनाया। जालसाजों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए उन्हें 6 घंटे तक साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाया और गिरफ्तारी से बचने के लिए 3.5 लाख रुपये की मांग की। यह घटना सोमवार को हुई। पिछले चार दिनों में भोपाल में डिजिटल अरेस्ट का यह दूसरा मामला है। इससे पहले रविवार को दुबई के एक व्यापारी को भी इसी तरह के धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा था।
कैसे हुआ डिजिटल अरेस्ट?
प्रमोद कुमार भोपाल के बजरिया इलाके के गायत्री नगर में रहते हैं, मंगलवार को काम से घर लौटे। इसके बाद शाम करीब 6:00 बजे उनके पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया और कहा कि उनका आधार कार्ड कई मोबाइल नंबरों से लिंक है, जिनमें से एक नंबर से बैंकों में संदिग्ध लेन-देन हुआ है। फिर कुछ ही देर बाद एक और कॉल आई, जिसमें आरोप लगाया गया कि प्रमोद के नंबर से फिरौती मांगी गई है।
3.5 लाख तुरंत भेजने को कहा
साइबर जालसाजों ने प्रमोद से सहयोग करने मांग की और उनसे 3.5 लाख रुपये तुरंत भेजने को कहा। इस बीच, प्रमोद ने अपनी पत्नी का मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया। प्रमोद की कंपनी में सुबह आने-जाने पर ऑनलाइन मीटिंग होती थी, लेकिन उस दिन वह बैठक में शामिल नहीं हुए तो कर्मचारी उनका हाल जानने के लिए उनके घर पहुंचे, तो यह मामला सामने आया और फिर क्राइम ब्रांच को सूचित किया गया। इस दौरान प्रमोद कुमार रात 12:00 तक तकरीबन 6 घंटे तक साइबर जलसाजों की कैद में रहे। इस दौरान प्रमोद लगभग 6 घंटे तक साइबर जालसाजों की कैद में रहे।
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