सतना: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की ड्यूटी में तैनात एक शिक्षक जब कलेक्टर को गायब मिला तो डीएम ने उसे नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी के नोटिस पर सरकारी शिक्षक ने ऐसा जवाब दिया कि उसे देख अफसर और खुद डीएम भी हैरान रह गए। नोटिस के जवाब में लापरवाह शिक्षक ने कलेक्टर के सामने ऐसी शर्तें रख दीं जो किसी मसखरी से कम नहीं थीं। हस्यास्पद व अजीबो-गरीब मांग जवाब पत्र में देख कलेक्टर ने शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी को सस्पेंड कर दिया। दरअसल शिक्षक अभी अविवाहित है और उसने डीएम के नाटिस के जवाब में लिखा कि पहले 35 लाख रुपए के दहेज के साथ उसकी शादी करावाई जाए और एक फ्लैट के लिए लोन दिलवाया जाए फिर वो कोई भी सरकारी काम करेगा।
बिना बीबी के गुजर रही उम्र, रातें बाधित हो रहीं
सतना कलेक्टर व जिला निवार्चन अधिकारी अनुराग वर्मा ने निर्वाचन कार्य से गैरहाजिर होने पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महुडर के शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी को नोटिस जारी किया था। जिसके जवाब में शिक्षक ने ऐसे अलफाज लिखे जैसे मानसिक रूप से बीमार हो। जबकि वो एक हायर सेंकड्ररी विद्यालय का टीचर है। जवाब में शिक्षक ने ऐसा दर्द लिखा जो सार्वजनिक तौर पर बयां नहीं किया जाता। उसने लिखा कि उसकी पूरी उम्र बिना बीबी के गुजर रही है और रातें बाधित हो रही हैं। पहले मेरी शादी करवाइए, दहेज में 35 लाख रूपया जो कैश व एकाउंट पेमेंट होगा। इसके अलावा रीवा सिंगरौली टॉवर या समदडिया में एक फ्लैट के लिए लोन करवाइए। एक तो नौकरी में लपरवाही ऊपर से कलेक्टर के सामने ही ऐसी अजीबो-गरीब शर्त रख दी लिहाजा कलेक्टर सतना ने शिक्षक को सस्पेंड कर दिया।
जवाब देख कलेक्टर भी रह गए हैरान
बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अपने ही नोटिस का जवाब जब अपने सामने पाया और उसको पढ़ने के बाद तो वो खुद ही आवाक रह गए कि एक शिकक्ष सरकारी नौकरी में रहते हुए 35 लाख रुपये दहेज के साथ शादी की शर्त रख रहा है। टीचर ने जवाब के अंत में यह भी लिख दिया कि अब मैं नि:शब्द हूं। उसने कलेक्टर को लिखा कि बाकी आप खुद ज्ञान के सागर हैं। लिहाजा अपना ज्ञान लगाकर कलेक्टर ने शिक्षक तिवारी को सस्पेंड करते हुए मझगवां में अटैच कर दिया है।
क्यों जारी किया था नोटिस
दरअसल, 16 अक्टूबर को आयोजित पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकासखंड अमरपाटन की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महुडर के शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी की भी ड्यूटी थी, लेकिन वो नदारद रहे। निवार्चन के काम में लापरवाही मानते हुए शिक्षक तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिस पर शिक्षक तिवारी ने जवाब तो दिया लेकिन उसमें उटपटांग बातें लिख डालीं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने शासकीय कर्मचारी के इस कृत्य को दायित्वों के प्रति लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का परिचय मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
(रिपोर्ट- अमित त्रिपाठी)
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