Thursday, November 21, 2024
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VC की जान बचाने के लिए छात्रों ने छीनी जज की कार, केस हुआ तो बचाव में आए मामा शिवराज

एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति की जान बचाने के उद्देश्य से छात्रों ने जज के कार की चाबी छीनी थी। अब उन छात्रों पर केस दर्ज कर लिया गया है। इन छात्रों की मदद के लिए अब मामा शिवराज सामने आए हैं।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: December 15, 2023 23:58 IST
छात्रों के बचाव में उतरे मामा शिवराज।- India TV Hindi
Image Source : FILE छात्रों के बचाव में उतरे मामा शिवराज।

मध्य प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दिल्ली से झांसी जाते समय ट्रेन में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुलपति की अचानक से तबीयत बिगड़ गई। कुलपति की तबीयत बिगड़ते देखकर छात्रों ने उन्हें ग्लावियर स्टेशन पर उतारा और इलाज के लिए भागे। उन्होंने कुलपति को ले जाने के लिए एक कार वाले से चाबी छीन ली। हालांकि, छात्रों को पता नहीं था कि ये कार जज/न्यायाधीश की थी। आखिरकार कुलपति को बचाया नहीं जा सका और छात्रों के ऊपर केस भी दर्ज हो गया है। अब इन छात्रों की मदद के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सामने आए हैं। 

शिवराज ने हाई कोर्ट को लिखा पत्र

छात्रों का बचाव करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। पत्र में शिवराज ने लिखा है कि समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण उनके संज्ञान में आया है। कुलपति रणजीत सिंह जी का दिल्ली से झांसी जाते समय ट्रेन में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था। छात्रों ने न्यायाधीश की कार का उपयोग चाबी छीन कर किया जिससे कुलपति को अस्पताल पहुंचाकर उन्हें शीघ्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। हालांकि बाद में अस्पताल में कुलपति जी को नहीं बचाया जा सका और इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा चोरी एवं डकैती की धाराओं के अंतर्गत दो छात्रों पर प्रकरण दर्ज कर लिए गए।

पवित्र उद्देश्य के साथ हुआ अपराध 

शिवराज ने अपने पत्र में कहा है कि  यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें पवित्र उद्देश्य के साथ अपराध किया गया है। इस मामले में दोनों छात्र हिमांशु और सुकृत ने मानवीय आधार पर सहयोग एवं जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध किया है। छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था। चूंकि यह एक अपराध है, लेकिन क्षमायोग्य कृत्य भी है। शिवराज ने निवेदन करते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर दोनों छात्रों के भविष्य को देखते हुए दर्ज प्रकरण को वापस लेकर छात्रों को क्षमा करने की कृपा करें।

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