देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश इस वक्त सदमे में है। आर्थिक सुधारों के प्रणेता कहे जाने वाले मनमोहन सिंह के निधन पर देश दुनिया और की तमाम दिग्गज नेता व बड़ी हस्तियां शोक व्यक्त कर रही हैं। ऐसे में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पूर्व पीएम से जुड़ा एक वाकया याद किया।
देश के लिए अपूरणीय क्षति
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी आज हमारे बीच नहीं रहे। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे अत्यंत विनम्र, सहज और सरल थे। मुख्यमंत्री रहते हुए मुझे कई विषयों पर सदैव उनका मार्गदर्शन मिला। डॉ. साहब शुचितापूर्ण राजनीति के पर्याय थे। 90 के दशक में उनकी उदारीकरण की नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
पाला घोषित हुआ राष्ट्रीय आपदा
चार बार के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने आगे लिखा, "मुझे एक वाकया याद आता है। पहले पाला को राष्ट्रीय आपदा नहीं माना जाता था और इस समस्या को लेकर मैं काफी प्रयासरत था। यह विषय जब मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन के सामने रखा तो उन्होंने एक कमेटी बनाई और प्रणब मुखर्जी, शरद पवार के साथ मुझे भी उसमें जगह दिया। अंततः कमेटी ने पाला को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया।"
सभी राज्यों को हर संभव सहयोग
आगे लिखा कि डॉ. साहब ने सदैव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी राज्यों को हर संभव सहयोग दिया। एक बार मैं मध्यप्रदेश में किसानों की समस्या को लेकर उपवास पर बैठा तो यह उनका बड़प्पन था कि उन्होंने फोन पर तुरंत उपवास तोड़ने को कहा और समस्या के निवारण का आश्वासन दिया। सचमुच वह महान थे, निश्चय ही उनका जाना भारतीय राजनीति की बड़ी क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में उन्हें स्थान दें। विनम्र श्रद्धांजलि!
एक अन्य ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि एक अमेरिकी पत्रकार ने उन्हें मेरे सामने अंडर अचीवर कहा, तो मैंने उससे बहस की थी। उन्होंने लिखा कि एक बार मेरे वाशिंगटन दौरे पर एक पत्रकार नाम मनमोहन सिंह को अंडर अचीवर कहा तो मैं प्रतिकार किया और कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कभी अंडर अचीवर नहीं हो सकते।