मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा की हुई हार को लेकर BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को कहा कि अगर 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो पार्टी राज्य में सरकार बना लेती। विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा विंध्य और चंबल के क्षेत्रों में बिल्कुल मजबूत स्थिति में खड़ी थी। वह कांग्रेस को जोरदार टक्कर भी दे रही थी। उन्होंने कहा कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले भी इसी तरह के दावे किए जा रहे थे। लेकिन भगवा पार्टी ने इन क्षेत्रों में अपना झंडा फहराया था। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2018 में हमारी सरकार बन जाती, क्योंकि हमें अधिक मत मिले थे, लेकिन शिवराज जी ने जल्दबाजी से काम लिया।’’ विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी ने अंतत: डेढ़ साल बाद (ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बगावत के बाद कमलनाथ-नीत कांग्रेस सरकार गिरने पर) सरकार बनाई। उनसे पूछा गया कि चौहान ने किस तरह की जल्दबाजी की तो उन्होंने कहा, ‘‘(चुनाव नतीजों के बाद) इस्तीफा देकर।’’
2023 विधानसभा में भी भाजपा करेगी वापसी
बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और चौहान मुरैना में एक भाजपा नेता के परिवार में आयोजित शादी समारोह में हिस्सा लेने के क्रम में ग्वालियर आए थे। विजयवर्गीय ने उम्मीद जताई कि भाजपा वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी सत्ता कायम रखेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में उन्होंने कहा कि इससे केवल लोगों का मनोरंजन हो रहा है और इसका फायदा विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) को नहीं होगा। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी को लोग गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन करेगी। बाद में जब विजयवर्गीय के 2018 चुनाव को लेकर की गई टिप्पणी के बारे में सिंधिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चौहान के नेतृत्व में ही वर्ष 2023 में पार्टी विजय पताका फहराएगी।
प्रधुम्न सिंह ने विजयवर्गीय के बयान का किया समर्थन
सिंधिया गुट के मंत्री प्रधुम्न सिंह जिन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा को ज्वाइन किया था उन्होंने भी कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान का पूरा समर्थन किया है। वर्तमान में प्रधुम्न सिंह तोमर भाजपा कैबिनेट में मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि 2018 के चुनाव नतीजों के बाद शिवराज सिंह जी ने नैतिकता के साथ इस्तीफा दिया था और ऐसा कर के उन्होंने लोकतंत्र की परंपरा को स्थापित किया था। तोमर ने कहा कि अगर शिवराज की जगह कोई और व्यक्तित्व होता तो इस्तीफा नहीं देता, बल्कि सरकार बनाने का प्रयास करता। सिर्फ 4-5 सीटों का अंतर था, उस वक्त निर्दलीय भी बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन शिवराज जी ने सरकार बनाने का दावा करने की बजाए इस्तीफा दे दिया था। उनके उस निर्णय के लिए मैं प्रणाम करता हूं।