शहडोल: इस साल के अंत में यानी नवंबर-दिसम्बर में मध्यप्रदेश में चुनाव प्रस्तावित हैं। इस चुनावी गर्मी के बीच शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने वीआरएस के रूप में इस्तीफे की पेशकश करके राजनैतिक गलियारों में और गर्मी पैदा कर दी और अपना नाम भी चुनावी चर्चा में जुड़वा लिया। अब उनके इस वीआरएस के कई मायने निकाले जा रहे हैं। संभावना तो ये भी लगाई जा रही है कि कमिश्नर साहब अब राजनीति के मैदान से अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन जब उनसे इस बारे में पुछा गया तो इसे सिरे से खारिज़ तो किया लेकिन राजनीति में आने की संभावनाओं पर बड़ा इशारा कर गए।
2025 में होना था रियारमेंट
मध्य प्रदेश शासन से नौकरी छोड़ने की कतार में एक और आईएएस अफसर का नाम जुड़ गया है। शहडोल संभाग के कमिश्नर, 2003 बैच के
आईएएस अधिकारी राजीव शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वीआरएस की मांग की है। सामान्य प्रशासन विभाग इसे संभवतः इसी सप्ताह मंजूर भी कर लेगा। कमिश्नर राजीव शर्मा अपनी सरकारी नौकरी से दो साल बाद 2025 में रिटायर होने वाले थे लेकिन उसके पहले ही इन्होंने वीआरएस मांग कर राजनैतिक चर्चा को हवा दे दी है।
"राजनीतिक चुनौती से भी पीछे नहीं हटूंगा"
राजीव शर्मा का कहना है कि रिटायर होने के बाद वो अपने जन्मभूमि भिंड-मुरैना में सामाजिक क्षेत्र में काम करेंगे। कृषि की दशा को ठीक करने के लिए वो अपने क्षेत्र में अन्ना हजारे व नाना जी देशमुख जी की तरह काम करेंगे। साथ ही बातों ही बातों में उन्होंने ये भी कहा कि यदि मेरे क्षेत्र का विकास बिना राजनीति के नहीं हो सकता, तो फिर उस चुनौती से भी पीछे नहीं हटूंगा। आपको बता दें कि शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा मूलतः भिंड जिले के रहने वाले हैं और वह 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि वो इस्तीफा देकर भिंड से चुनाव लड़ सकते हैं। राजीव शर्मा दो-तीन महीने से शहडोल में सक्रिय हैं।
(रिपोर्ट- विशाल खण्डेलवाल)
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