नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जून के तीसरे सप्ताह तक दो मादा समेत सात और चीते छोड़े जाएंगे। चीतों को बसाने की परियोजना की निगरानी करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के संगरोध बाड़े में छोड़ा था।
18 फरवरी को छोड़े गए थे 12 चीते
परियोजना के दूसरे चरण में 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते कूनो में छोड़े गए थे। मार्च और अप्रैल में तीन चीतों की मौत हो गई थी। बचे हुए 17 वयस्क चीतों में से सात को पहले ही जंगल में छोड़ दिया गया है। समिति के अध्यक्ष और ‘ग्लोबल टाइगर फोरम’ के महासचिव राजेश गोपाल ने कहा, “परियोजना पर काम जारी है और चिंता का कोई कारण नहीं है। हमने जून के तीसरे सप्ताह तक दो मादा चीतों समेत सात और चीतों को छोड़ने का फैसला किया है।”
कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए नामीबिया/दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा
इससे पहले सोमवार को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि चीता परियोजना के अंतर्गत चीता संरक्षण एवं प्रबंधन में संलग्न अधिकारी और कर्मचारियों को नामीबिया/दक्षिण अफ्रीका अध्ययन प्रवास के लिए चयनित कर भेजा जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि चीतों की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन और प्रस्तावित चीता प्रोटेक्शन फोर्स के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय संसाधन सहित हर संभव सहयोग दिया जाएगा। यादव ने यहां मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा करते हुए यह बात कही।
केन्द्रीय मंत्री ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए अतिरिक्त वन रक्षक और वनपाल की व्यवस्था का आग्रह करते हुए कहा कि अधोसंरचना और मानव संसाधन दोनों आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना से संबंधित भ्रामक सूचनाएं प्राय: सामने आती हैं, ऐसे में आमजन को भी प्रामाणिक जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सात चीते खुले वन क्षेत्र और 10 चीते अनुकूलन बाड़ों में रह रहे हैं। यादव ने कहा कि आगामी नवम्बर तक चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के तौर पर प्रदेश स्थित गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा है।
कूनो में भी अनुमानित क्षमता के मुकाबले अभी चीते कम -यादव
उन्होंने कहा, ‘‘कूनो में भी अनुमानित क्षमता के मुकाबले अभी चीते कम हैं। चीतों की देखभाल करने वाला स्टॉफ भी परिश्रमी है। परियोजना निश्चित ही सफल होगी।’’ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार गंभीरता से परियोजना के क्रियान्वयन के लिए कार्य कर रही है। परियोजना में विदेशी विशेषज्ञों की सेवाएं निरंतर मिल ही रही हैं। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि वे आगामी छह जून को कूनो राष्ट्रीय उद्यान जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश को ‘चीता स्टेट’ के तौर पर पहचान बनाने के लिए बड़ी सौगात दी है।