भोपाल। कोरोना वारियर डॉक्टर के साथ भोपाल दक्षिण से विधायक और उनके समर्थकों ने शनिवार को दुर्व्यवहार किया। डॉक्टर ने इस्तीफा देते हुए कहा कि, गाली खाने के लिए नौकरी नहीं करूंगा। इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, घटना बेहद शर्मनाक है। सीएम ने एक के बाद लगातार 3 ट्वीट कर डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों का मनोबल बढ़ाने की अपील की।
गौरतलब है कि, बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी भोपाल में एक बेहद शर्मिंदा कर देने वाली खबर सामने आई है। भोपाल के जयप्रकाश नारायण जिला अस्पताल में एक कोविड पेशेंट की मृत्यु के बाद उसके परिजनों और क्षेत्रीय विधायक और उनके समर्थकों ने दुर्व्यवहार किया। बताया जा रहा है कि राजधानी के भीम नगर निवासी 40 साल के एक शख्स को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। परिजन उन्हें लेकर जब 12:30 बजे जयप्रकाश अस्पताल पहुंचे और मरीज को भर्ती किया गया। लेकिन प्रारंभिक इलाज दौरान ही पेशेंट की मृत्यु हो गई, जिसके बाद परिजनों और विधायक समर्थक ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया।
कांग्रेस विधायक ने डॉक्टर से की अभद्रता
अस्पताल में पूरे हंगामे के बीच मेडिकल स्पेशलिस्ट और कोरोना के नोडल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. योगेश श्रीवास्तव पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और उनके समर्थकों को समझाते रहे लेकिन उनके समर्थक बेहद तेज आवाज में उनसे बदतमीजी करते रहे। घटना के बाद सदमे में डॉक्टर योगेश श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया। डॉ. योगेश श्रीवास्तव से कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान बहस करते रहे और उट पटांग बोलने लगे।
मैं इतनी गाली नहीं खा सकता इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया...
डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि करीब दोपहर 12:30 बजे एक पेशेंट बेहद सीरियस अवस्था में अस्पताल लाया गया, उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 30% था। 8 दिन से बुखार खांसी सांस लेने में तकलीफ थी और प्राइवेट पर रहकर इलाज करा रहा था। यह जैसे ही पेशेंट आया, मैंने उसके घर वालों को बता दिया कि हालत खराब है कुछ नहीं हो सकता। एक भी बेड नहीं था ना बाहर शिफ्ट किया जा सकता था, मैंने वही रह कर उसको जितनी मेहनत कर सकता था, इमरजेंसी में रहकर मेहनत किया और मैंने दो तीन बार घर वालों को बता दिया कि बाहर भी नहीं भेज सकते और दो-तीन घंटे बाद उसकी डेथ हो गई और हम भी इंसान हैं। इतना कहने के बाद ही कई बाहरी लोग आ गए और इतना दुर्व्यवहार किया है मैं मानसिक रूप से व्यथीत हूं और मैं रो रहा हूं, मैं इतनी गाली नहीं खा सकता इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।
राज्य सरकार ने कहा- ऐसे मामलों में राजनीति ना करें
ऐसे में जबकी सरकार कोरोना के युद्ध में प्रयासरत दिखाई दे रही है। डॉक्टर के इस्तीफे पर सरकार सामने आई। राज्य सरकार ने विधायक से कहा ऐसे मामलों में राजनीति ना करें आगे फोटो खिंचवाने के और भी मौके मिलेंगे हम डॉक्टर से बात करेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वाश सारंग ने भी ऐसी घटना की निंदा की है।
सीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार न करने की अपील की
वहीं सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस विधायक द्वारा किए गए इस दुर्व्यवहार को डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए मनोबल गिराने वाला बताया। घटना को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। शिवराज सिंह चौहान ने एक के बाद एक लगातार 3 ट्वीट में कहा कि 'आज जेपी अस्पताल में जो घटना हुई, ऐसी घटनाओं से दिन और रात कार्यरत हमारे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों का मनोबल गिरता है। मैं पुनः अपील करता हूँ, सभी लोग सभ्य और ज़िम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें, डॉक्टर्स का मनोबल गिराने की जगह उनका मनोबल बढ़ाएँ। आज की घटना के कारण जेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया है। हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं, इस समय जब साथ मिलकर खड़े होने की ज़रूरत है, ऐसे में हंगामा करना न तो जनहित में है और न ही इससे #COVID19 का मुकाबला किया जा सकता है। हमारे #CoronaWarriors लगातार अपनी जान दाँव पर लगाकर पीड़ित मानवता की सेवा में कार्यरत हैं। मैं स्वयं भी कई बार अपील कर चुका हूँ कि हम सभी को एकजुट होकर, राजनीति से ऊपर उठकर इन सभी का सहयोग करना चाहिए और इनका मनोबल बढ़ाना चाहिए ताकि वे और बेहतर तरीके से समाज की सेवा करें।'