मध्य प्रदेश के सीहोर के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार ने अपनी पत्नी नेहा के साथ जीवन लीला समाप्त कर ली। पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आठ दिन पहले 5 दिसंबर को ही मनोज परमार के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का छापा पड़ा था। ईडी की टीम ने उनकी कई चल-अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। साथ ही साढ़े तीन लाख रुपये का बैंक बैलेंस भी फ्रीज किया था, इसके बाद से वे परेशान थे। ईडी ने उनके इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था।
'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी को दी थी गुल्लक
13 दिसंबर की सुबह मनोज और उनकी पत्नी नेहा के शव घर पर फंदे से लटके मिले। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। वहीं, कांग्रेस ने इसे सरकारी हत्या करार दिया है। कांग्रेस के बड़े नेता सीहोर पहुंच रहे हैं। बता दें कि मनोज परमार उस समय सुर्खियों में आए थे जब कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में उनके बच्चों की टीम ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी।
दिग्विजय सिंह ने लगाए आरोप
मनोज और उनकी पत्नी की मौत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 'X' पर लिखा, ''आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ED के Astt Director भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है।''
उन्होंने आगे लिखा है, ''मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि आज उसने और उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में ED डायरेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।''
यह सरकारी हत्याएं हैं- जीतू पटवारी
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। यह सरकारी हत्याएं हैं। दो साल पहले इन पर सीबीआई केस हुआ था। अब ईडी आकर इन पर कार्रवाई कर रही थी। बच्चों ने मुझे बताया कि हमें बीजेपी ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया गया। यह ईडी के दुरुपयोग का सबसे बड़ा मामला है। इन मासूम बच्चों का गुनाह क्या है। परमार के तीन बच्चे हैं। क्या यही नया भारत है।
(रिपोर्ट- राहुल मालवीय)