इंदौर: कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बुधवार को राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर हमला बोला। पटवारी ने सिंधिया पर आरोप लगाया कि सिंधिया अपनी विभिन्न मांगें पूरी कराने के लिए सूबे में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस की पिछली सरकार पर अनुचित दबाव बनाते थे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता सिंधिया मार्च में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और वह संसद के ऊपरी सदन के लिए चुने गए हैं।
‘शिवराज के साथ भी हो रही ब्लैकमेलिंग’
पटवारी ने कहा, ‘सिंधिया हमारे साथ (कमलनाथ सरकार) भी ब्लैकमेलिंग करते थे और यही ब्लैकमेलिंग अब मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी होने लगी है।’ पटवारी, प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया विभाग के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा, ‘(भाजपा में शामिल होने के बाद) सिंधिया ने भ्रष्टाचार की बातें की हैं और इस सिलसिले में (पूर्व मुख्यमंत्री) कमलनाथ पर आरोप भी लगाए हैं। लेकिन आपने तत्कालीन कमलनाथ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में एक संस्था के लिए 100 एकड़ जमीन आवंटित करा ली थी। मैं भी मंत्री के तौर पर इस बैठक का हिस्सा था।’
‘जनता बताएगी वह खुद्दार हैं या गद्दार?’
पटवारी ने हालांकि कथित जमीन आवंटन मामले का विशिष्ट और विस्तृत ब्योरा नहीं दिया। लेकिन इस मामले में सिंधिया पर निशाना साधते हुए सवाल दागा, ‘यह (कथित जमीन आवंटन) भ्रष्टाचार था या जनसेवा थी?’ इंदौर के राऊ क्षेत्र के कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘सिंधिया ने (दल बदल कर) बता दिया है कि वह विपक्ष में रहकर बहादुरी से लड़ नहीं सकते और उनके मन में डर है। वह बेनकाब हो गए हैं। इस सवाल का जवाब जनता ही देगी कि वह खुद्दार हैं या ‘गद्दार’? ’
कांग्रेस के 22 विधायकों ने दे दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सत्ता में लौट आई थी। (भाषा)