सतना: मध्य प्रदेश के सतना से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। यहां SDM सिटी और सतना विधायक के बीच गरमा गरमी हो गई। जिसके बाद पूरे जिले में इस बात की चर्चा रही। हैरानी की बात ये भी है कि जिस दिन सुबह ये हॉट टॉक हुई, उसी दिन शाम को एसडीएम का ट्रांसफर हो गया। जिसके बाद विधायक समर्थक इसे अपने नेता का रसूख बताने लगे, जबकि जानकारों का कहना है कि एसडीएम का तबादला नहीं हुआ, बल्कि ये एक प्रशासनिक सर्जरी है।
क्या है पूरा मामला?
सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने गरबा के आयोजन संबंधी अनुमति की सिफारिश के लिए एसडीएम सिटी नीरज खरे को फोन किया था। लेकिन एसडीएम ने संबंधित मसले पर चिन्हित आयोजन स्थल पर अनुमति देने में असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद विधायक भड़क गए।
विधायक ने एसडीएम से कहा कि वे जब भी कोई काम कहते हैं, उसके लिए मना कर दिया जाता है। एसडीएम ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। आपके कौन से काम हमने नहीं किए। सही काम सबके हुए हैं। इस पर विधायक ने कहा हमने ऐसी कोई लिस्ट नहीं बनाई है कि कितने काम कहे, कितने हुए और कितने नहीं हुए। जब प्रशासन नहीं सुनता तो लोग हमारे पास आते हैं। अगर बात करना ,काम के लिए कहना गुनाह है तो बोर्ड लगवा दीजिये कि विधायक के काम नहीं होंगे। हम भी लोगों को बता दिया करेंगे कि काम नहीं होगा। वहीं एसडीएम ने विधायक से साफ कहा कि बीटीआई मैदान नहीं दिया जा सकता।
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने बताया कि शहर के कुछ लड़के बीटीआई मैदान में गरबा आयोजित करना चाहते थे लेकिन कई बार जाने के बावजूद उन्हें अनुमति नहीं मिल रही थी। वे हमारे पास आए तो हमने एसडीएम सिटी को फोन किया था। एसडीएम ने बीटीआई मैदान को रिजर्व बताकर देने से मना कर दिया।
विधायक ने कहा कि हमने पूछा कि जब वहां महीनों मेले लगे रह सकते हैं तो गरबा का आयोजन क्यों नहीं हो सकता। हालांकि पूरे मामले में एसडीएम सिटी नीरज खरे का कहना था कि बीटीआई ग्राउंड में इस बार दशहरे पर रावण दहन का कार्यक्रम प्रस्तावित है इसलिए उसे रिजर्व रखा गया है। विधायक को यह जानकारी दी गई थी। यह भी बताया गया था कि जिनकी सिफारिश वो कर रहे हैं, उन्हें इसी कारण से मना किया गया था। (सतना से अमित त्रिपाठी)