मध्य प्रदेश के रीवा में तलाक के बिना दूसरी शादी कराने का मामला सामने आया है। यहां लड़की का पिता अपने दामाद के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और इस बात की शिकायत की। लड़की के पिता का आरोप है कि शहर काजी ने उसकी शादीशुदा बेटी का बिना तलाक हुए दूसरा निकाह करवा दिया। जबकि वह दो बच्चों की मां भी है। वहीं, इस मामले को लेकर शहर काजी मुफ्ती मुबारक मोहम्मद अजहरी ने बताया कि पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद और मारपीट होती थी। इस दौरान पति ने कई बार मौखिक रुप से तलाक भी दिया गया, जिसके बाद शरीयत के मुताबिक समय गुजारने के बाद उन्होंने निकाह की रजामंदी दे दी। शरीयत के मुताबिक यह जायज है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर का कहना है कि एक महिला के पिता ने शिकायत की है। संबंधित थाने को मामले में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं, प्रतिवेदन में आए तथ्यों के आधार पर विधि संवत कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहता है मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019
मुस्लिम विवाह अधिनियम के मुताबिक कोई भी पति अपनी पत्नी को बोलकर, लिखकर, इलेक्ट्रॉनिक तरीके या अन्य किसी माध्यम से तलाक देता है, तो वह अमान्य और गैर संवैधानिक माना जायेगा। इस मामले में अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता बी के माला का कहना है कि ट्रिपल तलाक के मामले में बनाया गया कानून संपूर्ण देश में लागू होता है। किसी भी धर्मगुरु को कानून से इतर जाने का अधिकार नहीं है।
काजी की दलील
शहर काजी ने अपनी दलील में कहा कि पति-पत्नी के बीच लड़ाई होती थी और पति की मारपीट से तंग आकर पत्नी कई बार घर से चली गई थी। पति ने कई बार गुस्से में तलाक भी दिया था। यह सिलसिला तब से चल रहा है, जब मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019 लागू नहीं हुआ था। ऐसे में मौखिक तलाक मान्य हो जाता है। काजी के अनुसार पत्नी का कहना है कि उसका पति परेशान करता है, लेकिन मौखिक तलाक नहीं देता। ऐसे में उसे दूसरी शादी की अनुमति नहीं मिली तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं है। काजी का दावा है कि गांव के लोगों ने और महिला के देवरों ने कई बार दोनों के बीच मारपीट के साथ मौखिक तलाक देखा है।
(रीवा से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट)
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