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इंदौर में रेमडेसिविर की भारी किल्लत, दवा दुकानों पर उमड़ी भीड़

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन की भारी किल्लत हो गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 07, 2021 19:10 IST
Remeddivir's acute shortage in Indore, crowds throng drug stores- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE (PTI) इंदौर में महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन की भारी किल्लत हो गई है।

इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन की भारी किल्लत हो गई है। इसका अंदाजा शहर की एक दवा दुकान के सामने बुधवार को भारी भीड़ उमड़ने के दृश्यों से लगाया जा सकता है जो किसी भी कीमत पर यह इंजेक्शन हासिल करना चाहती थी। चश्मदीदों ने बताया कि शहर के दवा बाजार की इस दुकान के सामने भीड़ इस कदर बढ़ गई कि बेसब्र लोगों के हंगामे से बचने के लिए संचालक को कुछ देर के लिए इस प्रतिष्ठान का दरवाजा तक बंद करना पड़ा। इस वाकये की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई हैं। 

अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) अभय बेड़ेकर ने बताया कि दवा कम्पनियों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति घटाने से इसकी किल्लत हो रही है। उन्होंने बताया, "फिलहाल इंदौर में हर रोज अलग-अलग दवा कम्पनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की करीब 3,000 शीशियां आ रही हैं, जबकि जिले में इसकी दैनिक मांग 7,000 शीशियों की है। यानी इसकी मांग के मुकाबले आधी आपूर्ति हो पा रही है।" 

इस बीच, जिलाधिकारी मनीष सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, "महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के फलस्वरूप इंदौर जिले में रेमडेसिविर के साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में भी कमी देखी जा रही है। हम प्रयास कर रहे हैं कि महामारी के खिलाफ जारी जंग में संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।" 

गौरतलब है कि इंदौर में रेमडेसिविर तथा मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत ऐसे वक्त हो रही है, जब महामारी के मरीजों की तादाद नित नये रिकॉर्ड बना रही है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में महामारी के 866 नये मरीज मिले जो दैनिक स्तर पर इसके मामलों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने बताया कि करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 74,895 मरीज मिले हैं। इनमें से 981 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बीच कोई जांच केंद्र कोरोना सहित विभिन्न टेस्टों की ज्यादा राशि मरीजों से न वसूले इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकतम दरें तय कर दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना के RTPCR टेस्ट के लिए 700 रुपये, रेपिड एन्‍टीजन टेस्‍ट के लिए 300 रुपये, सी.टी. स्‍कैन के लिए 3 हजार रुपये, ए.बी.जी. टेस्‍ट के लिए 600 रुपये, डी- डाईमर टेस्‍ट के लिए 500 रुपये, प्रो कैल्‍सीटोनिन टेस्‍ट के लिए 1 हजार रुपये, सी.आर.पी. टेस्‍ट के लिए 200 रुपये, सीरम फैरिटिन टेस्‍ट के लिए 180 रुपये और आई.एल. - 6 टेस्‍ट के लिए 1 हजार रुपये की अधिक्तम राशि तय कर दी है। यदि घर से सेंपल लेना हो तो उसके लिए सभी श्रेणियों में 200 रुपये अतिरिक्‍त शुल्‍क लिया जा सकेगा। 

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