मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला रायसेन जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी के ग्राम चैनपुर से सामने आया है, जहां पुलिस आदिवासी युवक को गांव से मारते-पीटते हुए चौकी ले गई। इसके बाद दूसरे दिन सुबह इस युवक का शव घर में मिला। परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या करने का आरोप लगाया है। बुधवार को युवक के शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस के सामने अंतिम संस्कार किया गया।
युवक के उत्पात मचाने की सूचना पर गांव पहुंची थी पुलिस
बताया जा रहा है कि मंगलवार को चैनपुर गांव में धार्मिक आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान श्रीराम नाम का आदिवासी युवक शराब के नशे में उत्पात करने लगा। ग्राम सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने पुलिस को मामले की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस गांव पहुंची और युवक को पकड़कर उससे मारपीट की। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस मंदिर से स्कूल तक युवक को मारते-पीटते लेकर आई। स्कूल के पास युवक की जूते से पिटाई कर गाड़ी में बिठाकर पुलिस चौकी ले जाया गया।
युवक के पिता ने लगाया हत्या का आरोप
मामले में युवक के पिता जगमोहन आदिवासी ने बताया, मंगलवार की शाम 4 बजे जैथारी पुलिस मेरे बेटे को मारते पीटते ले गई थी और बुधवार की सुबह वह घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है। हम उसे सिलवानी अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम किया गया और शाम को पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है। मेरे बेटे को पुलिस ले गई थी और उसी ने मरवा दिया है।
पूर्व सरपंच ने बताई कहानी
इस मामले में सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने कहा, गांव में भजन कार्यक्रम चल रहा था जिसमें श्रीराम आदिवासी गाली-गलौच और उत्पात कर रहा था, जिसकी जैथारी पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस उसे ले गई थी। रात 8:30 बजे मैं और मेरे साथी मस्तराम ने उसे पुलिस चौकी से वापस लाकर रात 9 बजे गांव के बाहर छोड़ दिया था, सुबह मालूम हुआ कि उसकी मौत हो गई। वहीं, पूर्व सरपंच निरपत सिंह ठाकुर ने बताया कि मंगलवार की शाम को दो पुलिस वाले आये थे। श्रीराम आदिवासी को पकड़ कर स्कूल के सामने जूतों से पिटाई कर पुलिस चौकी ले गए थे। सुबह देखा तो घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में कब कितने बजे, कौन कमरे में छोड़ कर चला यह जानकारी किसी को नहीं है।
(रिपोर्ट- अम्बुज माहेश्वरी)
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