
नर्मदापुरमः मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में एक महाविद्यालय में टीचर की बजाय एक चपरासी ने छात्रों की उत्तर पुस्तिका जांच दी। मामला तूल पकड़ा तो मामले की जांच के आदेश दिए। करीब दो महीने की जांच के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने लापरवाही बरतने के आरोप में प्राचार्य और राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक को निलंबित कर दिया। मामला पिपरिया के शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय है।
चपरासी को कॉपी चेक करने के लिए मिले थे 5 हजार रुपये
जानकारी के अनुसार, शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक चपरासी ने बीए हिंदी की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया था। इसके एवज में उसे 5000 रुपये दिए गए थे। वहीं इस मामले में करीब 2 महीने की जांच के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जिम्मेदार प्राचार्य और राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक को सस्पेंड कर दिया।
31 जनवरी को वायरल हुआ था वीडियो
दरअसल 31 जनवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में यह दावा किया गया था कि कॉलेज में पदस्थ चपरासी पन्नालाल पठारिया कॉपियां जांच रहा है। इस मामले में कॉलेज के विद्यार्थियों ने आपत्ति जताई थी। वायरल वीडियो पर कार्रवाई की मांग को लेकर छात्र प्रभारी प्राचार्य राकेश वर्मा के पास पहुंचे थे। प्राचार्य राकेश वर्मा ने इस मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं होने और पीड़ित के शिकायत करने पर कार्रवाई की बात कही थी।
छात्रों ने विधायक से की थी कार्रवाई की मांग
इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। छात्रों ने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी को ज्ञापन सौंपा था। बाद में मामले की जांच उच्च शिक्षा विभाग ने की। उच्च शिक्षा विभाग की जांच समिति की रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में गंभीर लापरवाही सामने आई। इसके बाज मूल्यांकन कार्य प्रभारी नोडल अधिकारी डॉक्टर रामगुलाम पटेल और प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर राजेश वर्मा को निलंबित कर दिया।
रिपोर्ट- अब्दुल सलीम, नर्मदापुरम