पन्नाः मध्य प्रदेश की सरकार जन्म से लेकर मरने तक की कई योजनाएं चला रही है लेकिन पन्ना जिले के हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं। जिले की सबसे बड़ी ग्रामपंचायत इटवांकला में एक सरकारी कर्मचारी को मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन तक नसीब नहीं हुई।
पंचायत भवन से हटवाई चिता
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत के छात्रावास में पदस्थ कर्मचारी की बीमारी के चलते मौत हो गई लेकिन परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए पंचायत में मुक्तिधाम न होने से दो गज जमीन नहीं मिली। परिजनों व ग्रामीणों ने मिलकर पंचायत में अंतिम संस्कार के लिए लकड़िया डाल दी। लेकिन भनक लगते ही अधिकारियों ने चिता को हटवा दिया।
सरपंच ने अतिक्रमण वाली जगह पर कराया अंतिम संस्कार
बताया जा रहा है कि बीती सोमवार की रात्रि छात्रावास में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भैयालाल चौधरी की मृत्यु हो गई थी। मंगलवार की सुबह परिजनों जब अंतिम संस्कार की तैयारी की तो पता चला कि जहां चौधरी समाज पहले से अंतिम संस्कार करते रहे है। वहां गांव के दबंगो ने अवैध कब्जा कर खेती करना शुरु कर दिया। मुक्तिधाम गांव में है ही नहीं। ऐसे में परिजनों को ग्रामीणों ने पंचायत भवन में ही अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां डाल दी। सरपंच व सचिव ने सभी को मौके पर पहुंचकर समझाया और फिर परिजनों ने अतिक्रमण वाली जमीन में ही अंतिम संस्कार किया।
मृतक के भाई ने प्रशासन से की ये मांग
मृतक के भाई चिरौंजी लाल चौधरी ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार हम कब तक परेशान होंगे। मुक्तिधाम जल्द से जल्द बन जाए तो यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। वहीं ग्रामपंचायत सचिव गणेश कुशवाहा ने कहा कि इटवांकला कला में एक मुक्तिधाम मौजूद है। दूसरे का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर मुक्तिधाम बनवाया जाएगा। वहीं उन्होंने मड़ैयन में मुक्तिधाम के विषय मे बताया कि 2.75 लाख की राशि स्वीकृत है। जिस जमीन पर मुक्तिधाम बनवाया जा रहा था उसमें विजय कुशवाहा नाम के व्यक्ति ने अवैध रुप स्व कब्जा कर रखा है।
ग्राम पंचायत की 8275 है आबादी
दरअसल, पन्ना जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत इटवांकला में इटवांकला पंचायत क्षेत्र में नयापुरा मड़ैयन,डोभा, लुधगवा,रामपुरा,गांव शामिल है। जिनमें डोभा गांव में दो मुक्तिधाम धाम है। बांकी पंचायत के किसी गांव में मुक्तिधाम नही है। इटवांकला में सिर्फ कागजों में मुक्तिधाम बना है। पंचायत की आबादी 8275 है। इसमें 4396 पुरुष,3879 महिला हैं।लेकिन गंभीर बात यह है कि जब पंचायत में किसी की मौत होती है तो उसके दाह संस्कार के लिए सरकारी सिस्टम में दो गज जमीन नहीं है। परिजनों को निजी जमीन में ही अंतिम संस्कार करना होता है।
रिपोर्ट- अमित सिंह