भोपाल: ऐसे वक्त पर जब मध्य प्रदेश के साथ साथ राजधानी भोपाल में भी ऑक्सीजन का भारी संकट था औरऑक्सीजन की कमी के चलते लगातार मौतें हो रही थी। सरकार और प्रशासन को बाहर से ऑक्सीजन के टैंकर मंगवाने पड़ रहे थे तब भोपाल के inox एयर प्रोडक्ट के कर्मचारियों ने 24 घंटे काम करके ऑक्सीजन तैयार की ताकि अस्पताल में समय पर उसकी सप्लाई हो सके। लिक्विड ऑक्सीजन बनाने वाली टीम और उसे अस्पतालों तक पहुंचाने वाली 60 लोगों की टीम इस दौरान बिना हौसला खोए दिन रत काम में जुटे रहे ताकि लोगों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम हो सके। इस दौरान यहां के कई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव भी हुए, उन्होंने घरवालों की मृत्यु भी देखी लेकिन हौसले के साथ काम में जुटे रहे ताकि ऑक्सीजन की कमी से किसी भी कोरोना पीड़ित मरीज की जान ना जाए।
कर्मचारियों ने इसके लिए अपने घर और परिवार का त्याग भी किया जिसका नतीजा सबके सामने हैं। भोपाल में सिर्फ 4 दिन पहले जहां 105 मेटिक टन ऑक्सीज की जरूरत थी और 80 टन मिल रही थी वहीं अब ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति हो रही है।
ऑक्सीजन प्लांट के अंदर 24 घंटे काम करने वाले कर्मचारी भी खुश हैं। उनका कहना हैं कि हम अपने मन से छुट्टी नहीं ले रहे हैं लेकिन हम जानते हैं हमारे काम से लोगों की जान बच रही है। यहां काम करने वाले संजय पटेल कोरोना पॉजिटिव थे। इनके पिता की मृत्यु हुई लेकिन दो दिन बाद ही उन्होंने वापस ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। उन्होंने कहा, मैंने देखा कि ऑक्सीजन की कमी से सभी जूझ रहे इसलिए मैं वापस काम पर आया।