मध्य प्रदेश में अब ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का कोटा 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान राज्य में पहले ही लागू हो चुका है। बता दें कि इस अध्यादेश पर राज्यपाल की मुहर के साथ ही राज्य में कुल कोटा 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ओबीसी के लिए आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करते हुए शनिवार को एक अध्यादेश लाई थी।
राज्य में मौजूदा ढांचे की बात करें तो मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16 फीसदी आरक्षण है। वहीं अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 20 फीसदी आरक्षण की सीमा तय है। वहीं, ओबीसी के लिए अभी तक आरक्षण 14 फीसदी था जिसे अब बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया गया है। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले यह आरक्षण लागू हो जाएगा।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की कमलनाथ सरकार का यह फैसला कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकता है। राज्य का अन्य पिछड़ा वर्ग पहले से ही इसकी मांग कर रहा था। राज्य में ओबीसी को आम तौर पर बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है, क्योंकि मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान उसी समुदाय से हैं।