निजामुद्दीन मरकज़ में शामिल हुए तबलीगी जमात के सदस्य देश भर में कोरोना वायरस के प्रमुख स्रोत के रूप में सामने आए हैं। प्रशासन मुस्तैदी से जमातियों की धरपकड़ का प्रयास कर रहा है। लेकिन मरकज़ में शामिल हुए लोग प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से सामने आया है। यहां निजामुद्दीन से लौटे चार लोगों ने अपनी पहचान छुपाई और महाराष्ट्र के अमरावती से वापसी का ट्रैवल पास भी हासिल कर लिया। लोगों की शिकायत पर जब प्रशासन ने कॉल ट्रेसिंग की तब पता चला के ये निजामुद्दीन मरकज़ से लौटे हैं। फिलहाल पुलिस ने चारों पर मामला दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छिंदवाड़ा के सौंसर से एक परिवार के 4 लोग तब्लीगी जमात निजामुद्दीन से आए थे। इनको 28 मार्च को अमरावती से सौंसर आने की अनुमति सौंसर एसडीएम नें दी थी । लेकिन ये लोग प्रशासन और पुलिस को झूठ बोलते रहे कि वे अमरावती से धार्मिक यात्रा करके आए हैं। ये लोग खुलेआम घर और इलाके में घूमते रहे। अब पुलिस ने धारा 269,188 भादवि, 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहतअब्दुल वाजिद, मौहम्मद साकिव, मौहम्मद साजिद, इसकी पत्नी साविया परवीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जब एसडीएम की अनुमति देने का लेटर वायरल हुआ तब आनन फानन में पुलिस ने इनकी कॉल डिटेल निकाली और जिसमे पता चला कि ये लोग तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर चारो को छिंदवाड़ा भेज दिया है। इस बीच बिना जांच किए एसडीएम द्वारा अनुमति देने की भी आलोचना हो रही है।