Highlights
- भोपाल के प्रेस कॉम्पलेक्स में आवंटित जमीन की होगी जांच
- नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिए जांच के आदेश
- नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिए जांच के आदेश
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने भोपाल के प्रेस कॉम्पलेक्स में नेशनल हेराल्ड अखबार को आवंटित जमीन की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्राी ने कहा कि प्रेस कॉम्पलेक्स में नियमों का उल्लंघन कर व्यावसायिक भवन बनाए गया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी से कांग्रेस द्वारा प्रवर्तित कंपनी यंग इंडियन में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूछताछ कर चुका है।
नगरीय प्रशासन मंत्री ने बनाई जांच समिति
आपको बता दें कि यंग इंडियन कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिक है। मध्य प्रदेश में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘नेशनल हेराल्ड को प्रेस कॉम्पलेक्स, भोपाल में आवंटित जमीन में शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक निर्माण के मामले में आज मैंने जांच समिति के गठन के आदेश दे दिए हैं। आवंटित भूखंड के प्रयोजन का उल्लंघन किनके द्वारा किया गया, जमीन किनके द्वारा बेची गई, व्यावसायिक निर्माण किसने किया, कोर्ट में इतने लंबे समय से मामले में ठोस कार्यवाही के लिए कौन जिम्मेदार है, इत्यादि बिन्दुओं पर समिति जांच करेगी और अपना प्रतिवेदन एक महीने में पेश करेगी।’’
भूपेंद्र सिंह बोले- जमीन को करेंगे सील
भोपाल में नेशनल हेराल्ड की जमीन के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने एक समाचार चैनल को कहा, ‘‘हम इसकी जांच करा रहे हैं। अगर कोई अनियमितता पाई जाती है तो हम कार्रवाई करेंगे और उसे सील कर देंगे।’’ भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) द्वारा प्रेस कॉम्पलेक्स में मीडिया हाउस को आवंटित जमीन का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता है। इस तरह (व्यावसायिक) का उपयोग नियमों के तहत नहीं है, यह गलत है, हम कार्रवाई करेंगे।’’
नेशनल हेराल्ड की लीज डीड रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘पट्टा रद् कर दिया गया है। मामला अदालत में है। हमने मामले की स्थिति और इस बारे में पूरी जानकारी मांगी है। अगर जरूरी हुआ तो हम अदालत जाएंगे और अगर अदालत में कोई मामला नहीं है तो हम सीधी कार्रवाई करेंगे।’’