भोपाल: मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इलाज के लिए दिल्ली से अपने घर भोपाल आये एक मरीज की मृत्यु के लिए दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल की सरकार को दोषी ठहराते हुए सोमवार को कहा कि वह इलाज के लिये पांच दिन तक दिल्ली में भटकता रहा, लेकिन वहां उसे इलाज नहीं मिला। उकत व्यक्ति दिल्ली में रहता था और वहां इलाज के लिए पांच दिन भटकने के बाद शनिवार सुबह ट्रेन से करीब 700 किलोमीटर दूर भोपाल पहुंचा था।
इसके बाद वह भोपाल में एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था और उसकी रविवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। इस व्यक्ति के परिजनों ने आरोप लगाया है कि वह दिल्ली में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकता रहा, लेकिन कोविड-19 के लिए उसकी जांच नहीं की गई। इसके बाद वह इलाज करवाने के लिए भोपाल आया। भोपाल निवासी की मृत्यु पर दुख जताते हुए मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ''मजबूरन में उसे दिल्ली से भोपाल इलाज के लिए आना पड़ा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी मौत हो गई।’’
मिश्रा ने कहा, ''यदि उसको समय पर दिल्ली में इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।'' उन्होंने बताया कि दिल्ली से भोपाल लौटने के बाद उसकी हालत गंभीर होने के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने उसे समुचित उपचार उपलब्ध कराकर बचाने के समस्त प्रयास किए, लेकिन अत्यधिक विलंब हो जाने कारण नहीं बचाया जा सका।
मिश्रा ने दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ''केजरीवाल सरकार सिर्फ बातें कर रही है। यदि सरकार काम कर रही होती तो इस प्रकार से मरीज को दिल्ली में इलाज करवाने के लिए पांच दिन अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ता।'' उन्होंने कहा, ''पहली बार देश को केजरीवाल की आवश्यकता पड़ी है। वह मोहल्ला क्लीनिक एवं स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने की बातें करते हैं। लेकिन जब परीक्षा की घड़ी आई तो स्थिति ये है कि एक होनहार ने दम तोड़ दिया, क्योंकि दिल्ली में पांच दिन भटकता रहा। इलाज नहीं मिला और भटकता—भटकता मध्यप्रदेश के भोपाल में आया।''
मिश्रा ने बताया कि लेकिन वास्तव में देखें तो चाहे दिल्ली हो या मुंबई हो, आज इनके पास मरीजों को रखने के लिए जगह नहीं है। उन्होंने कहा, ''इसके विपरीत शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की भाजपा नीत सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किये हैं। आज हिन्दुस्तान के अंदर मध्यप्रदेश में कोविड—19 के मरीजों की रिकवरी रेट 65 प्रतिशत से ज्यादा है। प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव और उपचार की तैयारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों के अनुरूप की गई है। मध्यप्रदेश में केवल 2,735 एक्टिव केस हैं और वर्तमान में प्रदेश के अस्पतालों में 80,000 बिस्तरों की व्यवस्था है।''