मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में मूसलाधार बारिश के दौरान रविवार को एक मकान के ढह जाने से 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई। क्षेत्र के पुलिस निरीक्षक सौरभ पटेल ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर छपरा इलाके में मध्य रात्रि एक बजे से दो बजे के बीच एक मकान के ढह जाने से सायरा बानो की मौत हो गई। वहीं, राज्य के 60 प्रतिशत हिस्से में मानसून पहुंच चुका है। 3 दिन के अंदर मानसून प्रदेश में 32 जिलों में पहुंचा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले 5 दिन में यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दो दिन पहले मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के बाद राजधानी भोपाल सहित राज्य के 60 प्रतिशत हिस्से को कवर कर लिया है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
सोमवार को मौसम विभाग ने कई जिलों में अधिकांश जिलों में बारिश का अनुमान जताया है, जबकि कई जिलों में आंधी तूफान के साथ भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है। बैतूल, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांढुर्णा जिला में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां वज्रपात के साथ 65.5 से 115.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद
भारत मौसम विज्ञान विभाग के भोपाल केंद्र के मौसम विज्ञानी प्रकाश धवले ने बताया कि आगामी दो-तीन दिन में मध्यप्रदेश में मानूसन के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ सहित तीन मौसमी प्रणालियां सक्रिय होने के कारण मध्यप्रदेश में बारिश हो रही है। राज्य में मानसून का आगमन तीन दिन की देरी से हुआ। मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘इस बार मध्यप्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद।’’ उन्होंने बताया कि राज्य में सामान्य औसत बारिश 949 मिलीमीटर है। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले साल मानसून ने 24 जून को मध्यप्रदेश में दस्तक दी थी और अगले दिन ही पूरे राज्य को कवर कर लिया था।
इस वर्ष मानसून ने 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में समय से पहले दस्तक दे दी। अधिकारियों ने बताया कि केरल और पूर्वोत्तर में मानसून का एक साथ आगमन दुर्लभ है और ऐसा केवल 2017, 1997, 1995 और 1991 में ही देखा गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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