Sunday, February 16, 2025
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एमपी: एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर कई क्लासों के छात्र, बच्चों को हर वक्त बना रहता है सांप का खतरा

कक्षा एक से लेकर पांच तक इस स्कूल में लगभग 70 हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए प्राथमिक विद्यालय में 2 शिक्षिका ओर 1 शिक्षक तैनात हैं। वह सभी छात्रों को एक ही कमरे में पढ़ाने को मजबूर हैं।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Oct 06, 2023 14:43 IST, Updated : Oct 06, 2023 15:26 IST
MADHYA PRADESH
Image Source : INDIA TV एमपी: एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर कई क्लासों के छात्र

शाजापुर: कहा जाता है कि किसी भी देश का भविष्य बच्चों पर टिका होता है। देश का आने वाले कल कैसा होगा यह देश के बच्चे तय करेंगे। देश के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सरकार बच्चों की पढ़ाई पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। स्कूल बनवा रही है। नई तकनीकों से पढ़ाई कराइ जा रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक स्कूल ऐसा भी है, जिसको लेकर आज वहां पढ़ने वाले छात्र मोर्चा खोले हुए हैं।

यहां कक्षा 1 से लेकर 5 तक पढ़ने वाले छात्र नेताओं और अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि उनका स्कूल बनवा दिया जाए। प्रदेश के शाजापुर जिले के ग्राम निपानिया डाबी में एक प्राथमिक स्कूल है। यहां पर कक्षा 1 से 5वीं तक के छोटे-छोटे बालक बालिकाओं को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाई करवाने के लिए स्कूल शिक्षक मजबूर हैं। बच्चे स्कूल में सांप, बिच्छू, केकडे समेत कई जहरीले जानवरों से अपने भविष्य बनाने को लेकर रोज जंग लड़ रहे हैं।

स्कूल में तैनात हैं 3 शिक्षक 

70 छात्रों की संख्या वाले इस प्राथमिक विद्यालय में 2 शिक्षिका ओर 1 शिक्षक तैनात हैं। वह सभी छात्रों को एक ही कमरे में पढ़ाने को मजबूर हैं। ऐसा नहीं है कि स्कूल की हालात को लेकर जिम्मेदारों को जानकारी नहीं है। स्कूल की प्रभारी शिक्षिका बताती हैं कि इसे लेकर उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार मौखिक और लिखित रूप से बताया है लेकिन इसके बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

हर वक्त बना रहता सांप-कीड़ों का खतरा 

बता दें कि स्कूल के आसपास जंगली इलाका है और यहां पर जहरीले जानवरों का हमेशा भय  बना रहता है। स्कूल से चंद कदम दूर ही मुख्य डामरीकरण सड़क बनी है। जो सीधे जिला मुख्यालय को जोड़ती है। इस ग्राम की जिला मुख्यालय से दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। इसके बाद भी जिले के तमाम जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि का इस मार्ग से कई बार आना जाना हुआ लेकिन इस और देखना भी मुनासिब नहीं समझा। सरकार विकास के तमाम दावे करती है लेकिन इस स्कूल की हालात कुछ और ही स्थिति बयां कर रही है।

रिपोर्ट- विनोद जोशी

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