भोपाल: मध्य प्रदेश के सीधी में दो दिन पहले हुए बस हादसे में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। वहीं हादसे के बाद से लापता तीन लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं इसकी राज्य इकाई गुरूवार को भी नहर के भीतर नहीं ढूंढ पाई। सीधी के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने बताया कि जबलपुर से सेना का एक दल इस बस हादसे में लापता तीन लोगों को खोजने के लिए मौके पर पहुंचा। उन्होंने कहा कि इन तीन लापता लोगों को ढूंढने का अभियान आज सूर्यास्त के बाद बंद कर दिया गया है और यह अभियान शुक्रवार सुबह को फिर से चालू किया जाएगा।
कुमावत ने बताया कि एनडीआरएफ एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) इन तीन लापता लोगों को ढूंढने के लिए इस नहर के भीतर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन आज इनमें से एक भी नहीं मिला। वहीं, सीधी के कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, ‘‘इस नहर में तीन किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग भी है। वहां पर बहुत ही कम ऑक्सीजन रहती है। इस बात की आशंका है कि लापता व्यक्ति इसमें हो सकते हैं। इसलिए इस सुरंग में भी इन तीन लापता लोगों की खोज की जा रही है।’’
उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त इस बस में चालक समेत कुल 61 लोग इसमें सवार थे। उन्होंने कहा कि इनमें से 51 लोगों की डूबने से मौत हो गई जबकि छह को बचा लिया गया और तीन अन्य लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा, बस चालक भी था, जिसे बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। चौधरी ने बताया कि यह 32 सीट क्षमता वाली बस थी लेकिन इसमें 61 लोग सवार थे।
उन्होंने कहा कि बस में सवार 40 से अधिक लोग एएनएम (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की भर्ती परीक्षा एवं अन्य परीक्षा देने सतना जा रहे थे, इसलिए बस खचाखच भरी हुई थी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव के पास मंगलवार सुबह हुए इस बस हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई थी।
इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंगलवार को हुए बस हादसे के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। सीधी बस दुर्घटना के संबंध में अपने निवास पर उच्च-स्तरीय बैठक में चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए, ‘‘दोषियों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाए। जो गलती करेगा वह दंड पाएगा।’’
उन्होंने कहा कि जिस मार्ग की खराब स्थिति एवं ट्रैफिक जाम के कारण इस हादसे वाली बस को सीधी से सतना जाने के लिए अपना मार्ग बदलना पड़ा, उस सड़क की मरम्मत तथा वहां क्रेन की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से की जाए, ताकि किसी भी वाहन के खराब होने पर उसे सड़क से तुरंत हटाया जा सके और इस तरह के ट्रैफिक जाम से बचा जा सके।
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