Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. योगी की राह चली एमपी की शिवराज सरकार, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो करनी पड़ेगी भरपाई

योगी की राह चली एमपी की शिवराज सरकार, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो करनी पड़ेगी भरपाई

सरकार ने बकायदा कानून बनाने के लिए बुधवार को विधानसभा में मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान कानिवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक 2021 का प्रस्ताव पेश किया। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया चर्चा के उपरांत यह कानून बन जाएगा।

Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Updated on: December 22, 2021 16:59 IST
Shivraj Singh Chauhan, Madhya Pradesh CM- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Shivraj Singh Chauhan, Madhya Pradesh CM

Highlights

  • मध्यप्रदेश में अब पत्थरबाजी, आगजनी व तोड़फोड़ करने वालों की खैर नहीं
  • मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक, 2021 पेशा किया गया
  • गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में इस विधेयक को किया पेश

मध्यप्रदेश में अगर पत्थरबाजी आगजनी या तोड़फोड़ कर सरकार या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो भरपाई करनी होगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर संपत्ति भी कुर्क हो सकेगी। विधानसभा में शिवराज सरकार ने विधेयक पेश किया है, कल यानी गुरुवार को चर्चा के बाद इस पर कानून बन जाएगा। यानी मध्य प्रदेश में भी अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर धरना, जुलूस, हड़ताल, बंद, दंगा या व्यक्तियों के समूह द्वारा पत्थरबाजी, आग लगाने या तोड़फोड़ करने से सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर उन्हें इसकी भरपाई करनी होगी।

सरकार ने बकायदा कानून बनाने के लिए बुधवार को विधानसभा में मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान कानिवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक 2021 का प्रस्ताव पेश किया। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया चर्चा के उपरांत यह कानून बन जाएगा। इसके तहत अब धरना, प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान पत्थरबाजी से नुकसान या शासकीय/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से उस नुकसान की वसूली की जाएगी और वसूली के लिए ज़रूरत पड़ने पर उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी।

इस कानून में इस तरीके की घटना होने पर दावा अधिकरण क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा जो 3 माह में क्षतिपूर्ति की राशि निर्धारित करेगा। इसमें ना केवल नुकसान करने वालों से वसूली होगी बल्कि यह बसूरी उन व्यक्तियों से भी की जा सकेगी जो पत्थरबाजी आग लगाने या तोड़फोड़ करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं।

मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक, 2021 के मुख्य प्रावधान में कहा गया है कि 'लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली तथा किए गए नुकसान का निर्धारण करने तथा प्रतिकर अधिनिर्णीत करने वाले आंदोलनकारियों/प्रदर्शनकर्ताओं से प्रतिकर की कर नुकसान वसूली हेतु दावा अधिकरण का गठन करने तथा उससे संबंधित एवं उससे अनुषांगिक विषयों के लिए उपबंध के तारतम्य में उक्त विधेयक महत्वूपर्ण है।'

इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी है। इनमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि की सम्पत्ति नुकसानी भी शामिल।

राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए Claims Tribunal का गठन अधिसूचित कर सकेगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी/निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें। राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को Claims Tribunal में नियुक्त किया जा सकेगा।

सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा निजी संपत्ति की नुकसानी पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता Claims Tribunal के समक्ष 30 दिवस में आवेदन कर सकेंगे। Claims Tribunal ऐसे Claims Commissioner को नियुक्त कर सकेगा जो उसे नुकसानी के संबंध में जांच में मददगार हो सके।

Claims Tribunal द्वारा अवार्ड पारित कर नुकसानी की वसूली संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही के ऐसे नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य को उकसाने वाले अथवा उत्प्रेरित करने वाले व्यक्तियों से भी किया जा सकेगा। Claims Tribunal मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे। साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिवस में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को Claims Tribunal में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार होंगे।

Claims Tribunal का हर्जाना/मुआवजे का निर्धारण यथा संभव आवेदन करने के 3 माह में करना आवश्यक होगा। Claims Tribunal को Code of Civil Procedure, 1908 के अंतर्गत सिविल कोर्ट के अधिकार एवं शक्तियाँ वेष्ठित होंगी। Claims Tribunal के द्वारा नुकसानी की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिवस में राशि जमा नहीं करने पर Claims Tribunal जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे तथा जिला कलेक्टर भू-राजस्व के बकाया की वसूली हेतु सम्बन्धितों की चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी कर उक्त राशि वसूल कर हर्जाना/नुकसानी का अवार्ड अनुसार, जिन्हें नुकसानी हुई है उन्हें विधिवत भुगतान करेंगे। पुलिस द्वारा अपराध घटित होने पर अपराध की कार्यवाही इस अधिनियम के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही बाधित नहीं होगी। Claims Tribunal के आदेश केवल मान उच्च न्यायालय में अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेन्ज किए जा सकेंगे।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement