Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. जेल में सीखा प्रिटिंग का काम, फिर बाहर आके छापने लगा नकली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार

जेल में सीखा प्रिटिंग का काम, फिर बाहर आके छापने लगा नकली नोट, पुलिस ने किया गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में पुलिस ने एक 35 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने जेल में पहले तो प्रिंटिंग का काम सीखा। इसके बाद जब वह जेल से बाहर निकला तो उसने नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published on: March 25, 2024 7:58 IST
MP Police arrested man who printing fake currency he learned printing in jail- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

मध्य प्रदेश के 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने जेल में व्यावसायिक कौशल के रूप में प्रिंटिंग का काम सीखा और अपनी रिहाई के बाद नकली नोट छापने लगा। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह धकत की अपराध की दुनिया में वापसी का तब पता लगा जब पुलिस ने शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया और 200 रुपये के 95 नकली नोट बरामद किए। सिरोंज के पुलिस उपमंडल अधिकारी उमेश तिवारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आरोपी के घर से एक रंगीन प्रिंटर, स्याही की छह बोतलें और नकली नोट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कागज भी बरामद किया गया।

Related Stories

पुलिस को आरोपी ने दिया बयान

पुलिस के अनुसार, धकत ने स्वीकार किया है कि वह पिछले कुछ महीनों से नकली नोट छाप रहा था और इन्हें जिले के बाजार में चला रहा था। तिवारी ने कहा कि धकत हत्या सहित 11 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है और वह जेल में भीतर बाहर होता रहता है। उन्होंने कहा, जिले की जेल में अपनी पिछली कैद के दौरान धकत ने एक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रिंटिंग कौशल हासिल किया, जो कैदियों को उनकी रिहाई के बाद समाज की मुख्य धारा में फिर से शामिल होने में सहायता करने के लिए बनाया गया था। 

छापने लगा नकली नोट

हालांकि, धकत ने अपने नए अर्जित कौशल को तुरत फुरत पैसा कमाने के अवैध धंधे में बदल लिया। एक पुलिस सूत्र ने बताया कि अक्टूबर 2003 में उसे विदिशा, राजगढ़, रायसेन, भोपाल और अशोक नगर जिलों की सीमाओं से एक साल के लिए जिला बदर कर दिया गया था, लेकिन वह किसी तरह यहीं रहकर नकली नोट छापने में कामयाब रहा। विदिशा जेल अधीक्षक प्रियदर्शन श्रीवास्तव के अनुसार, कैदियों को रिहाई के बाद आजीविका चलाने में मदद करने के लिए ऑफ-सेट प्रिंटिंग और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। 

(इनपुट-भाषा)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement