Highlights
- एंबुलेंस वाहन मौके तक नहीं पहुंच सका
- महिला करीब 70 प्रतिशत झुलस गई
- सोशल मीडिया पर वीडिया हो रहा शेयर
MP News: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी इलाके में करंट से झुलसी एक महिला को उपचार के लिए खटिया पर ढोकर करीब 6 किलोमीटर का रास्ता तय कर अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य केंद्र तक जाने के लिए चौड़ी पक्की सड़क के अभाव में ग्रामीणों को उसे पैदल ही अस्पताल तक पहुंचाना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वीडिया हो रहा शेयर
घटना आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखंड के सुदूर अंचल में बसे बखारीमाल गांव में शुक्रवार को हुई और इसका वीडिया भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है। बरगी का डूब क्षेत्र होने के कारण यहां पर चौपहिया वाहन चलने लायक कच्ची सड़क तक नहीं है। वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पगडंडी पर ग्रामीणों को आवागमन करना पड़ता है। देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन कुछ गांव में अब भी हालात बेहद खराब हैं।
एंबुलेंस वाहन मौके तक नहीं पहुंच सका
बखारीमाल गांव में बिजली का तार गिरने से खेत में काम कर रही महिला यमुनाबाई सैयाम शुक्रवार को बुरी तरह झुलस गई। महिला को उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने एंबुलेंस को बुलाया गया, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस वाहन मौके तक नहीं पहुंच सका। इसके बाद ग्रामीण महिला को खटिया पर लिटाकर बखारीमाल से करीब 6 किलोमीटर दूर धूमामाल ले गए, जहां से उन्हें एम्बुलेंस मिली।
महिला करीब 70 प्रतिशत झुलस गई
ग्रामीणों के मुताबिक, शुक्रवार शाम चार बजे खेत में काम कर रही महिला यमुनाबाई के ऊपर बिजली का तार गिर गया। इससे महिला करीब 70 प्रतिशत झुलस गई। महिला को खटिया पर ढोकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां से उसे घंसौर अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर रेफर कर दिया है। जबलपुर में महिला का उपचार जारी है।
कच्ची एवं संकरी सड़क होने के कारण वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाती
घंसौर उप मंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) अमित बम्होलिया ने बताया कि करंट से झुलसी महिला को करीब 6 किलोमीटर तक खटिया पर लेकर आने का मामला जानकारी में आया है। जिस गांव की घटना है वह बरगी डूब क्षेत्र में आता है। डूब क्षेत्र होने के कारण गांव के ज्यादातर परिवार पहले ही पलायन कर चुके हैं। गांव के टोले मंझरे में अभी कुछ लोग रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘गांव का सड़क से संपर्क है, लेकिन कच्ची एवं संकरी होने के कारण वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाती है। सोमवार को मैं स्वयं बखारीमाल गांव का दौरा कर परिस्थिति का जायजा लूंगा। क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुगम आवागमन की व्यवस्था की जाएगी।’’ जनपद पंचायत घंसौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनीष बागरी ने बताया कि वन क्षेत्र होने के कारण बखारीमाल से धूमामाल तक सड़क नहीं है।