Highlights
- मध्य प्रदेश के 26 जिलों में फैला लंपी वायरस
- खंडवा सबसे ज्यादा 17 पशुओं की मौत
MP News: आखिरकार राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में भी लंपी वायरस (Lumpy Virus) का कहर अब दिखाई देने लगा है। जिसके चलते मध्य प्रदेश सरकार अब अलर्ट मोड़ पर आ गई है।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल तमाम अधिकारियों की बैठक में लंपी वायरस को गंभीरता से लेने कहा, वही आज प्रदेश भर के गोपाल को और पशुपालकों को उन्होंने संदेश भी दिया।
हमें पूरी सावधानी बरतनी है-शिवराज सिंह चौहान
हमारे पशुधन पर लंपी वायरस बीमारी के रूप पर एक गंभीर संकट आया है।लंपी वायरस तेजी से मध्यप्रदेश में भी पैर पसार रहा है हम अपने पशुओं को विशेषकर गौ माता को मां मानकर पूजा करते हैं वह माता हो या बाकी पशु हो हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का काम करते हैं। आज जब वह संकट में है तो हमारा कर्तव्य है हम इस संकट से उन्हें निकालने के लिए भरपूर प्रयास करें। इन प्रयासों में आप अकेले नहीं है सरकार आपके साथ है सरकार आपको पूरा सहयोग करोगी इस बीमारी का टीका भी हम फ्री में लगा रहे हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी लेकिन सावधानी आपको भी रखनी पड़ेगी। अगर हमने सावधानी नहीं रखी तो पशु धन गहरे संकट में आएगा।हम वैसे जो चेतना हम मनुष्य में देखते हैं वही प्राणियों में भी देखते हैं।इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हम रोग के लक्षण पहचाने।
कल ही सीएम शिवराज ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर तमाम अधिकारियों को फौरन इसे रोकने के दिए थे वही घोषणा भी की थी कि पशुधन को मुक्ति का लगाया जाएगा।
लंपी से 101 पशुओं की हो चुकी है मौत
मध्यप्रदेश का आधा हिस्सा लंपी वायरस की चपेट में आ चुका है। 26 जिलों में लंपी वायरस के कहर से 101 गोवंश की मौत हो चुकी है। अब तक 7 हजार 686 गोवंश इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। यही वजह है कि गोवंश पर मौत बनकर तेजी से फैल रहे लंपी वायरस से बचाव के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान को कल इमरजेंसी मीटिंग बुलाना पड़ी थी। इसके अलावा भोपाल में स्टेट लेवल का कंट्रोल रूम बहु बनाया गया है। पशु पालक के लिए टोल फ्री नंबर 1962 और 0755-2767583 भी जारी किया गया है।
एमपी के इन जिलों में फैला लंपी वायरस
दरअसल, चिंता की बात ये कि देखते ही देखते लंपी वायरस एमपी के 26 जिले रतलाम, नीमच, उज्जैन, मंदसौर, आगर मालवा, शाजापुर, खंडवा, इंदौर, झाबुआ, धार, बुरहानपुर, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी बैतूल, हरदा, राजगढ़, नर्मदापुरम, भिंड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोकनगर में गोवंश को संक्रमित कर चुका है।
खंडवा सबसे ज्यादा 17 मौतें
अब तक 101 गोवंश में से सबसे ज्यादा 17 गोवंश की मौत खंडवा जिले में हुई है। तो नीमच और मंदसौर जिले में 15-15 गोवंश, बैतूल में 13 वहीं उज्जैन और बुरहानपुर में 10-10 गोवंश की मौत हो चुकी है। अलीराजपुर और रतलाम जिले में भी 7-7 गोवंश की मौत हुई है। तो वहीं हरदा और झाबुआ जिले में 2-2 मौत के अलावा इंदौर और भिंड में भी 1-1 गोवंश की लंपी वायरस जान ले चुका है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लंपी वायरस के प्रमुख लक्षण बताए
- संक्रमित पशु को हल्का बुखार होना।
- मुंह से अत्यधिक लार तथा आंखों एवं नाक से पानी बहना।
- लिंफ नोड्स तथा पैरों में सूजन एवं दुग्ध उत्पादन में गिरावट।
- गर्भित पशुओं में गर्भपात एवं कभी-कभी पशु की मृत्यु होना।
- पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 02 से 05 सेंटीमीटर आकार की गाठें बन जाना।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लंपी वायरस के रोकथाम और बचाव के उपाय बताए
- संक्रमित पशु / पशुओं के झुण्ड को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना।
- कीटनाशक और विषाणु नाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को नष्ट करना।
- पशुओं के आवास- बाड़े की साफ सफाई रखना।
- संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन को रोका जाना
- रोग के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब पशु चिकित्सक से उपचार कराना।
- क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप थमने तक पशुओं के बाजार, मेले आयोजन तथा पशुओं के क्रय-विक्रय आदि को रोकना।
- स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना।