Highlights
- ईद के दौरान फंडिंग के लिए लगाए पोस्टर
- 8 जिलों से कुल 21 लोग गिरफ्तार
- खुफिया जानकारी के आधार पर छापे की कार्रवाई
MP News : मध्यप्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नेटवर्क पिछले 2 साल से एक्टिव था। इंदौर में अपनी जड़ें जमाने के बाद उज्जैन और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इसने काम करना शुरू कर दिया था। ईद के दौरान इंदौर के कई मुस्लिम इलाकों में फंडिंग के लिए पोस्टर भी लगाए गए थे। गुरुवार को इंदौर में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम और जनरल सेक्रेटरी अब्दुल जावेद की गिरफ्तारी के बाद एनआईए को खुफिया जानकारी मिली। इसी खुफिया जानकारी के आधार पर आज छापे की कार्रवाई की गई। प्रदेश के 8 जिलों से कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नई उम्र के युवाओं की भर्ती
जानकारी के मुताबिक पीएफआई का नेटवर्क नई उम्र के युवाओं की भर्ती करता था। मस्जिदों के जरिए पीएफआई के सदस्यों की भर्ती होती थी। ईद के दौरान इंदौर के कई मुस्लिम इलाकों में ईदगाह के बाहर पीएफआई के सदस्यों ने फंडिंग के लिए लगाए बैनर और पोस्टर लगाए थे। मुस्लिम उत्पीड़न की बात कह कर लोगों को भड़काते थे। जेलों में हो रहे मुस्लिमों पर अन्याय की बात उठाकर लोगों को भड़काने का काम किया जाता था। खरगोन और इंदौर के चूड़ी वाले की जेल से रिहाई के मामले में भी किया चंदा इकट्ठा किया गया था।
शाजापुर में लगे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
शाजापुर में नगर पालिका के चुनाव में एसडीपीआई का उम्मीदवार खड़ा हुआ था। चुनाव में पार्षद की जीत के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। गुरुवार को एनआईए द्वारा हुई गिरफ्तारी में पीएफआई के सदस्यों के पास से भड़काऊ साहित्य, देश विरोधी कागजाज और तकनीकी उपकरण बरामद हुए थे। गुरुवार को एनआईए ने इंदौर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम,जनरल सेक्रेटरी अब्दुल खालिद, कोषाध्यक्ष मोहम्मद जावेद और प्रदेश सचिव जमील शेख को गिरफ्तार किया था। इनसे मिली जानकारी के आधार पर आज मध्य प्रदेश एटीएस ने कार्रवाई की है।
एमपी से गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर एसडीपीआई के कार्यकर्ता
मध्य प्रदेश से गिरफ्तार हुए ज्यादातर लोगों में एसडीपीआई के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। एक शख्स जिसे भोपाल से गिरफ्तार किया गया है वह भी एसडीपीआई का प्रदेश अध्यक्ष बताया जा रहा है। इस शख्स का नाम अब्दुल रऊफ बेलिम बताया जा रहा है।ये शख्स इंदौर का रहने वाला है। सीएए एनआरसी और उसके बाद हुए कुछ प्रोटेस्ट में नाम आने के बाद इसको इंदौर से जिला बदर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि यह भोपाल के एसडीपीआई के दफ्तर में ही आया जाया करता था। बाकी गिरफ्तार हुए लोग भी इसके संपर्क में थे।