Highlights
- रायसेन की एक महिला ने लगाया दुष्कर्म का आरोप
- भोपाल स्थित आश्रम में किया दुष्कर्म - पीड़ित महिला
- लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी चर्चा में आए थे मिर्ची बाबा
MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से कांग्रेस से जुड़े मिर्ची बाबा को गिरफ्तार किया गया है। एक महिला ने भोपाल में उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जिसके बाद भोपाल में शिकायत दर्ज करके पुलिस ने उनको ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया। महिला ने आरोप लगाया था कि, "उसे नशीली दवा पिलाकर बेहोश किया गया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया। धमकाया भी कि अगर किसी को शिकायत की तो बच्चा पैदा नहीं होगा या विकारों के साथ पैदा होगा।
पुलिस को दी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि, "उसे संतान नहीं हो रही थी। जब वह अपनी समस्या लेकर मिर्ची बाबा के पास गई तो उसे दवा पिलाकर बेहोश किया गया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।" पीड़िता ने बताया कि उसे बच्चे पैदा होने का झांसा देकर नशे की गोलियां खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। इसी को लेकर आरोपी मिर्ची बाबा को पकड़ने के लिए भोपाल की पुलिस टीम बीती रात ग्वालियर पहुंची, जहां सुबह बाबा को एक होटल से गिरफ्तार कर ले गई।
भोपाल स्थित आश्रम में किया दुष्कर्म - पीड़ित महिला
रायसेन की रहने वाली 28 वर्ष की महिला ने शिकायत में पुलिस को बताया है कि उसकी शादी को चार साल हो चुके हैं। बच्चे नहीं हैं। वह निसंतान है। इस वजह से मिर्ची बाबा के संपर्क में आई थी। बाबा ने 17 जुलाई को भोपाल के मीनाल रेसीडेंसी' स्थित अपने कथित आश्रम में दुष्कर्म किया था। बाबा ने पूजा-पाठ कर संतान होने का दावा किया। उसे बुलाकर इलाज के नाम पर नशे की गोलियां खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
कौन हैं मिर्ची बाबा ?
आपको बता दें कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मिर्ची बाबा को मंत्री का दर्जा प्राप्त था। इससे पहले मिर्ची बाबा लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी चर्चा में आए थे। उस दौरान उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए पांच क्विंटल लाल मिर्ची का हवन किया था। साथ ही ऐलान किया था कि यदि दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं जीते तो वह जल समाधि ले लेंगे। लेकिन चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जीत गईं, जसके बाद उनकी जलसमाधि की प्रतिज्ञा पर सवाल उठे। इसके बाद वे गायब हो गए थे। फिर अपने वकील के माध्यम से भोपाल कलेक्टर से जल समाधि की अनुमति मांगी थी, जिसे कलेक्टर ने अमान्य कर दिया था।