MP News: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। इस बार वे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाकर सीएम बनने के मामले पर अपने कटाक्ष के लिए सुर्खियों में हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह 'विदेश में लड़कियां कभी भी BF बदल लेती हैं, बिहार के CM की भी यही स्थिति है'। विजयवर्गीय के इस बयान के बाद वे सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने नीतीश कुमार की तुलना उन लड़कियों से कर डाली जो जब चाहें अपना बॉयफ्रेंड बदल लेती हैं।
इंदौर एयरपोर्ट पर दी नीतीश कुमार पर अपनी प्रतिक्रिया
दरअसल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय करीब तीन हफ्तों की विदेश यात्रा से लौटे हैं। इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस दिन बिहार की सरकार बदली, मैं विदेश में था। वहां एक ने कहा कि ये तो हमारे यहां होता है, बॉयफ्रेंड कभी भी बदल लेती हैं लड़कियां। बिहार के मुख्यमंत्रीजी की भी ऐसी ही स्थिति है, कब किस से हाथ मिला लें, कब किसका हाथ छोड़ दें। कहा नहीं जा सकता।
अग्निपथ योजना पर बयान से भी सुर्खियों में आ गए थे विजयवर्गीय
इससे पहले अग्निपथ योजना को लेकर दिए गए बयान के कारण भी कैलाश विजयवर्गीय सुर्खियों में आ गए थे। कुछ समय पहले उन्होंने सैन्य बलों में भर्ती की नई अग्निपथ योजना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को एक विवादित बयान दे दिया था। विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे।
अपनी ही पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया का करना पड़ा था सामना
अपने इस बयान के लिए विपक्ष के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के नेताों की भी कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा था। भाजपा महासचिव के इस बयान के लिये उनकी अपनी पार्टी के सांसद वरुण गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने उन पर निशाना साधा था। हालांकि अपने बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया के बाद विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि ‘टूलकिट’ गिरोह से जुड़े लोग उनके कथन को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके ‘कर्मवीरों’ के अपमान की कोशिश कर रहे हैं।
तब कैलाश विजयवर्गीय ने दी थी ये सफाई
अपने बयान पर बवाल मचने के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर सफाई दी था कि ‘अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे। सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था।’