Highlights
- हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई
- MBBS प्रथम वर्ष की किताबें तैयार- शिवराज
- देश का पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश
MP News: अकसर देखा गया है कि हिन्दी बैकग्राउंड वाले छात्रों को अंग्रेजी बहुत परेशान करती है। खासकर मेडिकल एजुकेशन से रिलेटेड किताबों में लिखी हुई अंग्रेजी। कुछ छात्र हिन्दी बैकग्राउंड से आने की वजह से निराश भी हो जाते हैं। अब हिंदी प्रदेशों की सरकारों ने इसे समझना शुरू कर दिया है। देश का ऐसा पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश, जहां मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में भी की जाएगी। एनॉटामी, फिजियोलॉजी और बायोक्रेमेस्ट्री की पुस्तकें हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार हो चुकी हैं। आज यानी रविवार को लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन किताबों का विमोचन करेंगे। बता दें कि हिन्दी में पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में हिन्दी वाररूम "मंदार" तैयार किया गया।
मातृ-भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई
शनिवार को 'हिंदी की व्यापकता एक विमर्श' कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृ-भाषा में होनी चाहिए। उनके इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने का निर्णय लिया गया है, जो 16 अक्तूबर को साकार होने जा रहा है।
क्रांति सिद्ध होगी यह पहल
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अंग्रेजी के सरल और चलन में आ चुके शब्दों के देवनागरी लिपि में ज्यादा से ज्यादा उपयोग से मेडिकल और तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई छात्रों के लिए सरल और सहज होगी। इसके साथ ही हिंदी में पढ़ाई से कस्बों और ग्रामीण तबके के छात्रों को मेडिकल एजुकेशन हासिल करने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की यह पहल सामाजिक क्रांति सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार हिंदी में पेशेवर शिक्षा के दायरे को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मेडिकल के साथ ही इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा भी हिंदी में उपलब्ध कराई जाएगी।
MBBS प्रथम वर्ष की किताबें तैयार- शिवराज
सीएम चौहान ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में शासकीय मेडिकल कॉलेज के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 माह के परिश्रम से MBBS प्रथम वर्ष की एनॉटामी, फिजियोलॉजी और बायोक्रेमेस्ट्री की किताबें हिंदी में लिखकर तैयार कर ली हैं। फिलहाल, द्वितीय वर्ष की किताबों पर कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने आगे कहा कि चरणबद्ध तरीके पीजी कक्षाओं के लिए भी हिंदी में किताबें तैयार की जाएंगी।