Highlights
- चार महानगरों में से भोपाल-इंदौर पर भाजपा की जीत
- ग्वालियर और जबलपुर में कांग्रेस के मेयर चुने गए
- सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के ग्वालियर में हारी भाजापा
MP Nagar Nigam Election Results: 2023 की विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे नगर निगम चुनाव के पहले चरण में हुए मतदान के नतीजे आ गए हैं। भाजपा को भले ही 11 में से 7 सीटों पर जीत मिली है और BJP के नेता जश्न मनाते नजर आ रहे हैं लेकिन चुनावी तस्वीर में दरअसल भाजपा को नुकसान दिखाई दे रहा है। 2015 में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में मध्य प्रदेश की सभी 16 सीटों पर भाजपा का कब्जा था, उनमें से 11 के आज आये नतीजों में भाजपा को 7 सीटें मिली हैं और चार जीती हुई सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा है।
कम सही लेकिन कांग्रेस की जीत बड़ी!
नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए यह किसी विन-विन सिचुएशन से कम नहीं है। जिन 16 सीटों पर 7 साल पहले कांग्रेस को करारी हार मिली थी उन्हीं 16 में से 11 सीटों के परिणामो में 3 पर कांग्रेस ने सत्ता में भाजपा सरकार होते हुए उसके हाथ से छीन ली हैं। लेकिन सबसे बड़ा उलटफेर जिस पार्टी ने किया है वह रही AAP। दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद मध्य प्रदेश में भी दिल्ली के सीएम केजरीवाल की आप ने धमाकेदार एंट्री कर ली है। मध्य प्रदेश में पहली बार सिंगरौली नगर निगम में आप की रीना अग्रवाल मेयर पद संभालेंगी।
मध्य प्रदेश के 11 नगर निगम परिणामों की पूरी तस्वीर-
भाजपा की कब्जे वाली सीटें
- खंडवा- भाजपा की अमृता यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी आशा मिश्रा को हराया है। अमृता यादव को 51,925 वोट मिले वहीं आशा मिश्रा को 32,160 वोट मिले। अमृता यादव ने आशा मिश्रा को 19,765 वोटों से हराया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM प्रत्याशी कनीजा बी 9601 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहीं।
- सागर- भाजपा प्रत्याशी संगीता तिवारी ने कांग्रेस की निधि जैन को 12665 वोटों से हराया।
- सतना- भाजपा प्रत्याशी योगेश ताम्रकार ने 24916 वोटों से कांग्रेस के वर्तमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को हराया।
- उज्जैन- यहां भाजपा उम्मीदवार को बेहद कम मतों से जीत हासिल हुई है। उन्होंने कांग्रेस के महेश परमार को 923 वोटों से चुनाव हराया है।
- बुरहानपुर- इस सीट पर भी बीजेपी प्रत्याशी माधुरी पटेल ने सिर्फ 542 वोटों से कांग्रेस की प्रत्याशी शहजाद अंसारी को हराया। गौरतलब है कि यहां पर नोटा को तकरीबन 670 वोट मिले, वहीं AIMIM को मिले 10 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है।
- भोपाल- मध्य प्रदेश की सत्ता के केंद्र राजधानी भोपाल में बीजेपी प्रत्याशी मालती राय ने पूर्व मेयर रह चुकी विभा पटेल को हराया है। भाजपा प्रत्याशी मालती राय को तकरीबन 4,59,000 वोट मिले, वहीं विभा पटेल को 3,61,000 वोट मिले। मालती राय करीब 1 लाख वोटों से जीती हैं।
- इंदौर- मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इंदौर में भाजपा प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव ने कांग्रेस के विधायक और प्रत्याशी संजय शुक्ला को 1 लाख 32 हजार वोटों से हराया। पुष्यमित्र भार्गव को जहां 5 लाख 92 हजार 519 वोट मिले वहीं संजय शुक्ला को 4 लाख 59 हजार वोट मिले।
कांग्रेस की जीती हुई सीटें
- छिंदवाड़ा- मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा नगर निगम पर 18 साल बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की है। अभी छिंदवाड़ा से कांग्रेस के मध्य प्रदेश से इकलौते सांसद नकुल नाथ हैं। यहां पर छिंदवाड़ा के कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम आहाके ने 3547 वोटों से बीजेपी के अनंत धुर्वे को हराया है।
- जबलपुर- कांग्रेस प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह अनु ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ जितेंद्र जामदार को 44 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी है। कांग्रेस ने जबलपुर में 18 साल बाद मेयर पद पर कब्जा किया है।
- ग्वालियर- यहां कांग्रेस की प्रत्याशी शोभा सिकरवार ने बीजेपी की प्रत्याशी सुमन शर्मा को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इस हार के बाद ग्वालियर चंबल के दो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की साख दांव पर लग गई है।
आम आदमी पार्टी ने खोला खाता
सिंगरौली मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण में आए नतीजों में सबसे बड़ा उलटफेर अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने किया है। मध्य प्रदेश में पहली बार आप ने मेयर पद पर कांग्रेस और भाजपा को हराकर खाता खोला है। आप की उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने बीजेपी प्रत्याशी चंद्र प्रकाश विश्वकर्मा को 9 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।
गौरतलब है कि 6 जुलाई को हुए पहले चरण के चुनाव में 11 नगर निगमों के लिए वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे 17 जुलाई को आये। बाकी बची 5 नगर निगम की सीटों पर 20 जुलाई को रिजल्ट आने हैं। 2015 में हुए निकाय चुनाव में सभी 11 मेयर सीटों पर बीजेपी का कब्जा था।