भोपाल: मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को निर्णय लिया कि शहीद के परिवार को दी जाने वाली वित्तीय सहायता शहीद के पति/पत्नी और माता-पिता के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी। राज्य सरकार सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बल सहित सुरक्षाकर्मियों की शहादत की स्थिति में उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आमतौर पर और व्यावहारिक रूप से वित्तीय सहायता शहीद के जीवनसाथी को दी जाती है, जबकि माता-पिता इससे वंचित रह जाते हैं।
राज्य के बाहर सैनिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप
विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘अब मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि कुल आर्थिक सहायता का 50 प्रतिशत शहीदों के माता-पिता को दिया जाएगा। शहीद होने पर माता-पिता अपने बच्चे और सहारे को खो देते हैं।’’ विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें इंदौर में दो ऐसे मामले पता हैं, जिनमें शहीदों की पत्नियों को ही पूरी आर्थिक सहायता दी गई। इस बीच, मंत्रिमंडल ने राज्य के बाहर सैनिक स्कूलों में पढ़ने वाले मध्य प्रदेश के मूल छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का भी निर्णय लिया।
अब सरकार नहीं भरेगी मंत्रियों का इनकम टैक्स
बता दें कि सीएम मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रिपरिषद ने जनता और राज्य के कल्याण के लिए विभिन्न फैसलों को मंजूरी दी। इस दौरान एक और बड़ा फैसला यह लिया गया कि प्रदेश में अब मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स भरेंगे। अब तक मंत्रियों का इनकम टैक्स प्रदेश सरकार ही जमा करते आई थी लेकिन सीएम मोहन यादव के इस फैसले के बाद अब इनकम टैक्स का भुगतान मंत्री खुद करेंगे। सरकार ने इसके लिए 1972 का निर्णय बदल दिया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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