मध्य प्रदेश वन विभाग ने अफ्रीका से लाए गए चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों की देखरेख संबंधी व्यवस्था के बारे में जानकारी सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत देने से इनकार कर दिया है। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे के अनुरोध के जवाब में विभाग ने आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) का हवाला दिया, जो सार्वजनिक प्राधिकरण को सूचना उपलब्ध नहीं कराने की अनुमति देता है, बशर्ते कि उसे सार्वजनिक करने से भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, दूसरे देशों के साथ संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को बढ़ावा मिलता हो।
दुबे ने राज्य वन विभाग से कुनो और मंदसौर में चीता परियोजना की देखरेख व्यवस्था के संबंध में पत्राचार रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के कार्यालय में जन सूचना अधिकारी सौरव कुमार काबरा ने अपने जवाब में कहा, "सूचना (बिंदु संख्या 2 के तहत) प्रबंधन शाखा से संबंधित है, जिसने आरटीआई अधिनियम- 2005 की धारा 8(1)(ए) के तहत जानकारी उपलब्ध न कराने का निर्णय लिया है।"
कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए 8 चीते
दुबे ने कहा कि यह पहली बार है कि 17 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़े जाने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से आरटीआई अधिनियम के तहत चीता परियोजना पर जानकारी देने से इनकार किया गया है। दुबे को पूर्व में भारत में पैदा हुए पहले शावक के स्वास्थ्य के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मिली थी। दुबे की ओर से प्राप्त जानकारी से पता चला कि शावक का दाहिना पैर 28 नवंबर को चोटिल हो गया था।
दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा समूह लाया गया
दुबे ने बताया, "मैं 2013 से चीता के संरक्षण में अनियमितताओं का खुलासा कर रहा हूं, लेकिन यह पहली बार है जब मुझे जवाब मिला है कि चीतों के बारे में जानकारी का खुलासा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा या दूसरे देशों के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा।" 8 चीतों का पहला समूह सितंबर 2022 में भारत लाया गया था और 12 चीतों का दूसरा समूह पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।
प्रजनन संबंधी उद्देश्य से सरकार संभवतः वर्ष के अंत तक मध्य प्रदेश के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में एक बाड़बंद क्षेत्र में चीतों को लाने की योजना बना रही है। गुजरात के बन्नी घास मैदान में चीता संरक्षण प्रजनन केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी फरवरी में केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण की ओर से मंजूरी दी गई थी। इस वर्ष की शुरुआत में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी एक दस्तावेज के अनुसार, दीर्घकालिक लक्ष्य कुनो-गांधीसागर (लगभग 9,000 वर्ग किमी का क्षेत्र) में 60-70 चीतों की आबादी सुनिश्चित करना है। (भाषा)
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