Thursday, December 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को फिर मुस्लिम वोटर्स से उम्मीद, कड़े मुकाबले में 22 सीटों से तय होंगे हार-जीत

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को फिर मुस्लिम वोटर्स से उम्मीद, कड़े मुकाबले में 22 सीटों से तय होंगे हार-जीत

मध्य प्रदेश में मुस्लिम वोट का भले ही ज्यादा प्रभाव नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर होने की स्थिति में कम से कम 22 सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय के वोट अहम साबित हो सकते हैं।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Oct 22, 2023 13:34 IST, Updated : Oct 22, 2023 13:36 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ दिन बचे हैं। राज्य में 17 नवंबर को मतदान होगा। 230 सदस्सीय विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक सीट को छोड़क सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने अभी बैतूल जिले की आलम सीट से किसी भी उम्मदीवर के नाम का ऐलान नहीं किया है। बताया जा रहा है कि इस सीट से एक महिला डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे टिकट मांग रही हैं, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार ने अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। फिलहाल मामला अदालत में लंबित है। मध्य प्रदेश के चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस की नजर एक बार फिर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों वाली सीटों पर है।    

2018 में वोट प्रतिशत 3-4% बढ़ा

हालांकि, मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति में मुस्लिम वोट भले ही उत्तर प्रदेश और बिहार जितना महत्व नहीं रखता, लेकिन अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर होने की स्थिति में कम से कम 22 सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय के वोट अहम साबित हो सकते हैं। कांग्रेस से संबंध रखने वाली मध्य प्रदेश मुस्लिम विकास परिषद के समन्वयक मोहम्मद माहिर ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी का वोट प्रतिशत कम से कम 3-4 प्रतिशत बढ़ा, जिसकी वजह से वह बीजेपी से थोड़ा आगे निकल गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने 2018 में कहा था कि अगर 90 फीसदी अल्पसंख्यक वोट पार्टी के पक्ष में आते हैं तो पार्टी सरकार बना सकती है। 

कांग्रेस की झोली में 10-12 सीटें और जुड़ीं

माहिर ने कहा, " 2018 के चुनाव में कमलनाथ की अपील पर अल्पसंख्यकों के वोट कांग्रेस को मिले और इसका परिणाम यह हुआ कि पार्टी की झोली में 10-12 सीटें और जुड़ गईं, जिन्हें पार्टी 2008 और 2013 में जीतने में नाकाम रही थी।" पूर्ववर्ती चुनाव में बीजेपी का मत प्रतिशत (41.02%) कांग्रेस से (40.89%) से थोड़ा अधिक रहा था, लेकिन कांग्रेस 230 सीट में 114 सीट पर जीत हासिल कर सबसे अधिक सीट हासिल करने वाली पार्टी बनी थी, जबकि बीजेपी को 109 सीट मिली थीं। इसके बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन कुछ विधायकों के दल बदल लेने की वजह से 15 महीने बाद यह सरकार गिर गई थी। 

मुस्लिम वोट 47 विधानसभा सीटों पर अहम

माहिर ने कहा, "मध्य प्रदेश में जब मतदाता बीजेपी से नाराज होते हैं, तो वे कांग्रेस सरकार को चुनते हैं। इसी प्रकार कांग्रेस से मतदाताओं के नाराज होने पर बीजेपी की सरकार बनती है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, मध्य प्रदेश में मुस्लिम आबादी 7 फीसदी है जो अब संभवत: 9-10 फीसदी होनी चाहिए। मुस्लिम वोट 47 विधानसभा सीटों पर अहम हैं, लेकिन 22 क्षेत्रों में वे निर्णायक कारक हैं।" उन्होंने बताया कि इन 47 सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 5,000 से 15,000 के बीच हैं, जबकि 22 विधानसभा क्षेत्रों में इनकी संख्या 15,000 से 35,000 के बीच है। उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि कांटे की टक्कर की स्थिति में 22 सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इन सीट में भोपाल की 3, इंदौर की 2, बुरहानपुर, जावरा और जबलपुर समेत अन्य क्षेत्रों की सीट शामिल हैं।" 

मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

Image Source : FILE PHOTO
मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों को धोखा देने का आरोप

वहीं, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और बीजेपी प्रवक्ता सांवर पटेल ने चुनावी राजनीति में मुस्लिम भागीदारी पर बात करते हुए कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों को धोखा देने का आरोप लगाया। पटेल ने कहा, "कांग्रेस राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के दो उम्मीदवार उतारकर 90-100 प्रतिशत मत चाहती है, भले ही उसने राज्य में अपने शासन के 53 वर्ष में (2003 तक) मुस्लिम समुदाय के लिए कुछ नहीं किया।" उन्होंने कहा कि बीजेपी ने न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया है, बल्कि मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि भी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब वे पिछड़े हुए थे। 

मध्य प्रदेश में मुस्लिम वोट?

वरिष्ठ पत्रकार गिरजा शंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं बिहार की तरह मुस्लिम वोट मध्य प्रदेश की राजनीति को खास प्रभावित नहीं करेंगे, लेकिन बुरहानपुर, आष्टा, रतलाम और इंदौर में अल्पसंख्यक मतदाता प्रभावशाली हैं और जहां तक उनके वोट की सघनता का सवाल है, तो  भोपाल एक अपवाद है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पिछले चुनावों में भोपाल में मजबूत विभाजन की वजह मुस्लिम वोट हासिल करने में विफल रही है।

बीजेपी का प्रयोग विफल रहा

माहिर ने बताया कि साल 2013 और 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से मुस्लिम समुदाय के नेताओं को मैदान में उतारने का बीजेपी का प्रयोग विफल रहा है। माहिर ने दावा किया कि कांग्रेस का पारंपरिक वोट जिसमें गैर-मुस्लिम भी शामिल हैं। उनके उम्मीदवारों को ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है और अल्पसंख्यक समुदाय से उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर ले जाना पार्टी की जिम्मेदारी है। माहिर के मुताबिक, मध्य प्रदेश विधानसभा में मुस्लिम प्रतिनिधित्व पिछले कुछ सालों में उत्तर भोपाल और मध्य भोपाल की सीटों तक ही सीमित रहा है।

आरिफ अकील के बेटे को टिकट

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को टिकट दिया है। आतिफ भोपाल उत्तर के पूर्व मेयर और बीजेपी उम्मीदवार आलोक शर्मा को चुनौती देंगे, जबकि आरिफ मसूद एक बार फिर भोपाल मध्य से चुनावी मैदान में है। माहिर का दावा है कि भोपाल उत्तर मुस्लिम बहुल सीट नहीं है और आरिफ अकील गैर-मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन के कारण ही विजयी हो सके हैं, जो पारंपरिक रूप से कांग्रेस के प्रति वफादार हैं।

मुस्लिम समुदाय के दो विधायक

बता दें कि लगभग दो दशकों के अंतराल के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में मुस्लिम समुदाय के दो विधायक आरिफ अकील और आरिफ मसूद साल 2018 के चुनावों में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इससे पहले 2003 में हमीद काजी बुरहानपुर से विधायक चुने गए थे। कांग्रेस के 71 वर्षीय दिग्गज नेता आरिफ अकील 1993 को छोड़कर 1990 से भोपाल उत्तर सीट का प्रतिनिधित्व कर रह थे। अब यहां से उनके बेटे आतिफ अकील को टिकट दिया गया है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail