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MP: टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की मौत, प्रबंधन हैरान, जानिए क्यों हो रही ये मौतें

मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुओं की लगातार मौतें हो रही हैं। 10 दिन में 4 तेंदुओं की मौत से प्रबंधन भी हैरान है। बताया जाता है कि बाघों के साथ संघर्ष के कारण इनकी मौतें हो रही हैं। तेंदुए का एक और संदिग्ध शव इस नेशनल पार्क में मिला।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: December 02, 2022 9:32 IST
टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की मौत- India TV Hindi
Image Source : FILE टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की मौत

एमपी को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। वहीं पिछले दिनों कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को रखा गया है। इसी बीच एमपी का ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुए का संदिग्ध शव मिला है। तेंदुओं की मौतों का सिलसिला यहां लगातार जारी है। आलम यह है कि पिछले 10 दिनों में 4 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। एक के बाद एक हो रही तेंदुओं की मौत से टाइगर रिजर्व का प्रबंधन भी हैरान है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर परिक्षेत्र में संदिग्ध परिस्थिति में तेंदुए का शव मिला। इस नर तेंदुए की उम्र लगभग 7-8 माह है। उसका शव करौंदिया बीट के कक्ष के नाले के पास मिला है। जानकारी लगते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी जांच में जुट गए।

तेंदुओं के क्षेत्र में बढ़ा बाघों का दखल

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने बताया कि बाघ के क्षेत्र में तेंदुआ नहीं मिलते हैं। ना उनकी कोई मूवमेंट होती है। पनपथा क्षेत्र में तेंदुओं की अधिक मूवमेंट रहती थी। उस क्षेत्र में बाघ और बाघिन का मूवमेंट बढ़ा है, इसलिए इनके बीच संघर्ष भी बढ़ गया है। जिसमें तेंदुओं की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारियों को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

20 नवंबर को घायल मिले थे दो शावक

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर और बफर दोनों परिक्षेत्र में 10 दिन में 4 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। 20 नवंबर को तेंदुए के दो शावक घायल मिले थे, लेकिन बाद में मौत हो गई। पनपथा कोर में 25 नवंबर को एक मादा तेंदुए की मौत हुई थी। बुधवार को चौथे तेंदुए की पनपथा बफर में मौत हो गई।

क्यों हो रही हैं मौतें?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुए की मौत का कारण बाघ से संघर्ष बताया जा रहा है। नर और मादा तेंदुआ की मौत की वजह भी बाघ से संघर्ष बताया गया है। प्रबंधन लगातार जांच में जुटा हुआ है। अधिकारी क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। 2018 में बाघ और तेंदुओं की गणना की गई थी। अब इनकी गणना 2023 में होगी। वन विभाग के अफसरों का अनुमान है कि अब टाइगर की संख्या करीब 150 हो सकती है। रिजर्व क्षेत्र में करीब 130 तेंदुए हो सकते हैं।

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