भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने शुक्रवार को बैठक की और नवंबर 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान कथित तौर पर "पार्टी विरोधी" गतिविधियों में शामिल लगभग 150 स्थानीय नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इन चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि नोटिस का दस दिनों में जवाब देना है और संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। कांग्रेस ने यह कदम विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के एक महीने से अधिक समय बाद उठाया है।
कांग्रेस ने की स्पष्ट संदेश देने की कवायद
पार्टी 230 सदस्यीय सदन में सिर्फ 66 सीटें जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस का यह कदम आम चुनाव से पहले पार्टी में सब कुछ ठीक करने और यह स्पष्ट संदेश देने की कवायद का हिस्सा है कि भितरघात और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस ने चुनाव हारने वाले 164 प्रत्याशियों में से अधिकतर से मिली शिकायतों के बाद यह सख्त रुख इख्तियार किया है। प्रत्याशियों ने अपनी हार के लिए ‘‘ भितरघात ’’ को जिम्मेदार ठहराया है। यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में, अनुशासन समिति के प्रमुख और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने चेतावनी दी कि पार्टी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार करेगी जो "पार्टी विरोधी" गतिविधियों में शामिल थे और निर्धारित समय के भीतर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं।
'संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो होंगे निष्कासित'
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ''हमने जिन लोगों को नोटिस भेजा है, अगर उनसे संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो हम उन्हें निष्कासित कर देंगे।' अनुशासन समिति की शुक्रवार की बैठक में इसके सदस्यों ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पार्टी के बागियों को बाहर का रास्ता दिखाने के फैसले का समर्थन किया। कांग्रेस ने कई विद्रोहियों को निष्कासित कर दिया है जिन्होंने नेतृत्व की अवहेलना करते हुए आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनावों में कुल 230 में से 163 सीटें जीतकर परचम लहराया, जबकि कांग्रेस की सीटें 66 पर सिमट गईं।
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