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मध्य प्रदेश: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में 'कमलनाथ' को लेकर कलह, बीजेपी का तंज-इनके दावेदार की तो पूछो मत

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर कलह शुरू हो गई है। प्रदेश प्रभारी ने कमलनाथ को सीएम फेस बताया है जिसपर बीजेपी ने तंज कसा है- कांग्रेस में एक भावी, एक अवश्यंभावी, एक अप्रभावी मुख्यमंत्री के दावेदार।

Reported By : Anurag Amitabh Written By : Kajal Kumari Published on: March 28, 2023 16:11 IST
madhya pradesh assembly elections 2023- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में कलह

मध्य प्रदेश: एमपी में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में एक बार फिर कलह दिखाई दी है। कांग्रेंस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कहा कि पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी,लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव में सीएम फेस कौन होगा और मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह आलाकमान तय करेगा। इसपर, सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर तंज कसा है और कहा है कि कांग्रेस में एक भावी, एक अवश्यंभावी, एक अप्रभावी मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। 

बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य भर में 1 जनवरी को कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री के होर्डिंग बिना आलाकमान की अनुमति के लगाए थे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कमलनाथ को सीएम फेस  घोषित कर दिया था। कांग्रेस में एक कहावत आम है, कांग्रेस को चुनाव में कभी विपक्षी पार्टी चुनाव नहीं हराती है बल्कि खुद कांग्रेसी चुनाव हराते है। कांग्रेस में गुटबाजी का वृक्ष इतना घना है कि हर चुनाव से पहले विद्रोह के फल जनता को भी दिखाई देने लगते हैं।

चुनाव से पहले कांग्रेस में गुटबाजी तेज

मध्यप्रदेश में ऐसी गुटबाजी के चलते 15 सालों के संघर्ष के बाद आई सत्ता को कांग्रेस से महज 15 महीनों में तब गंवा दिया था, जब पहले मुख्यमंत्री बनने के दावेदार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने के इच्छुक रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 समर्थकों के साथ कांग्रेस से बगावत कर भाजपा की सरकार बनाने में अहम किरदार निभाया था। अब जबकि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को बीते चुनाव में चुनौती देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में नहीं है लेकिन फिर भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव कद्दावर नेता अजय सिंह और अब युवा नेता जीतू पटवारी से कमलनाथ को पर्दे के पीछे से चुनौती मिलती रहती है।

गुटबाजी का ताजा मामला एक बार फिर सामने आया है दरअसल नए साल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं नेताओं को एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें कहा गया था सभी को भावी मुख्यमंत्री के कमलनाथ के फोटो वाले होर्डिंग लगवाना है और इनकी तस्वीरें भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजनी हैं। ट्विटर समेत तमाम हैंडल पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिशियल हैंडसेट क्विट भी किए गए कि कमलनाथ भावी मुख्यमंत्री हैं।

यह पहली बार था जब राजनीतिक पंडितों ने देखा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चुनाव से 11 महीने पहले ही मुख्यमंत्री फेस घोषित कर दिया हो। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री वाले होर्डिंग के सड़कों पर दिखाई देते ही कांग्रेस की गुटबाजी भी सड़कों पर दिखाई देने लगी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सामने आए और कहा कि कांग्रेस में सीएम का फैसला हाईकमान की ओर से तय किया जाता है।

वहीं बीते 3 महीनों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अलावा कांग्रेस के कद्दावर नेता पीसी शर्मा जीतू पटवारी सार्वजनिक रूप से कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताते आ रहे हैं ऐसे में जब इंडिया टीवी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल से सवाल पूछा जेपी अग्रवाल ने कहा " हर पार्टी का एक कायदा होता है,कमलनाथ हमारे शीर्ष नेता है,वह हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं उनके नेतृत्व में ही इस बार चुनाव लड़ेंगे लेकिन कौन मुख्यमंत्री होगा यह कांग्रेस हाईकमान और कांग्रेस अध्यक्ष तय करता है और करेगा।"

सीएम शिवराज-नरोत्तम मिश्र ने कसा तंज

जाहिर है मौका था तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कांग्रेस की गुटबाजी पर निशाना साधने से नहीं चूके कहा आश्चर्य की बात है कोई कहता है भावी, कोई कहता है अवश्यंभावी, पता नहीं, किस-किस तरीके के मुख्यमंत्री की उपमा दी जा रही है।भावी अवश्यंभावी और प्रभारी कह रहे हैं। अप्रभावी,अभी कोई तय नहीं है। कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि एक दिल के टुकड़े हजार हुए कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा।

जेपी अग्रवाल के इस बयान पर चुटकी लेते हुए प्रदेश के गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने इंडिया टीवी से कहा कांग्रेस आलाकमान और प्रभारी ने कभी नहीं कहा कि कमलनाथ मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे या मुख्यमंत्री खुद कमलनाथ ने स्वयंभू एटॉर्नी जनरल की तरह खुद इन्होंने होर्डिंग लगवा दिए भावी सीएम का इनसे सीएम का मोह नहीं छूट रहा है यह पहली बार नहीं है कि जब प्रदेश प्रभारी बोले हों कि आलाकमान तय करेगा। इससे पहले भी अरुण यादव कह चुके हाईकमान तय करेगा उसके पहले वरिष्ठ नेता अजय सिंह भी कह चुके हैं कि हाईकमान तय करेगा। दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह भी इस बात को मान रहे हैं कि सीएम कौन होगा ये हाईकमान तय करेगा लेकिन कमलनाथ मानने को राजी नहीं हैं। ये कांग्रेस का कबीलाई विवाद है किसको फिक्र थी कि कबीले का क्या होगा सब इस पर लड़ रहे हैं सरदार कौन होगा।

 

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