भोपाल: बीजेपी नेता मोहन यादव ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। शपथ लेने के तुरंत बाद ही मोहन एक्शन में आ गए और अपनी सरकार का पहला आदेश जारी कर दिया। उन्होंने धार्मिक स्थलों समेत अन्य जगहों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकरों पर बैन लगा दिया है। साथ ही जो वैध लाउडस्पीकर हैं, उन्हें भी तय डेसिबल सीमा, और तय समय पर ही संचालित करने की अनुमति दी गई है। माना जा रहा है कि सीएम यादव के इस आदेश की जद में कई धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर आ सकते हैं।
सिर्फ ऐसे लाउडस्पीकरों पर नहीं लगेगा बैन
बता दें कि मोहन यादव सरकार के आदेश के बाद अनियमित एवं अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर ही प्रतिबंध लागू होगा। नियमित एवं नियंत्रित (अनुमत्य डेसिबेल के) लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं है। इस तरह जो लाउडस्पीकर कानून का पालन करते हुए संचालित किए जा रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इससे पहले उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने आज भोपाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 58 साल के मोहन यादव को लाल परेड मैदान में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने जगदीश देवड़ा (मंदसौर के मल्हारगढ़ से विधायक) और राजेंद्र शुक्ला (रीवा से विधायक) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में आए थे पीएम मोदी
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। शपथ समारोह में जाने से पहले यादव ने भोपाल में एक मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भाजपा के संस्थापक विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय भी गए।
मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं यादव
3 बार के BJP विधायक मोहन मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं। 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में BJP के सभी मुख्यमंत्री, उमा भारती, बाबूलाल गौर और चौहान, अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं, और मोहन भी ओबीसी वर्ग से आते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में मोहन की नियुक्ति से 4 बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के युग का भी अंत हो गया, जिन्होंने करीब 2 दशकों तक राज्य की राजनीति पर दबदबा बनाए रखा। बता दें कि मोहन यादव पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी शामिल नहीं थे, ऐसे में उनके हाथ में सूबे की कमान देकर बीजेपी नेतृत्व ने सियासी पंडितों को चौंका दिया।