MP News: मध्यप्रदेश में मोहन यादव को नए मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हो गई है। वे सूबे के नए सीएम होंगे। वहीं दो नए डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला दो नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अब क्या होगा। वो शिवराज जिन्होंने करीब 17 साल तक मध्यप्रदेश की बागडोर संभाली और प्रदेश को बीमारू राज्य से अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा किया। आने वाले समय में उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बारे में जानिए क्या कह रहे है एक्सपर्ट।
लोकसभा चुनाव तक इंतजार करना होगा
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के जानकार श्रवण गर्ग ने इंडिया टीवी डिजिटल को बताया कि उन्हें अब लोकसभा तक इंतजार करना होगा। लोकसभा चुनाव के बाद ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। क्योंकि मध्यप्रदेश में 29 संसदीय सीटों पर चुनाव होना है। हो सकता है शिवराज को सांसद पद का चुनाव लड़ाया जाए और उसके बाद केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जाए या फिर उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाए। लेकिन इसके लिए लोकसभा चुनाव तक उन्हें इंतजार करना होगा।
केंद्र में तुरंत बनाया जा सकता है मंत्री
वहीं वरिष्ठ पत्रकार और मध्यप्रदेश की राजनीतिक मामलों के जानकार अरविंद तिवारी कहते हैं कि वे केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं। यदि चुनाव न हो तो भी वे मोदी मंत्रीमंडल में शपथ ले सकते हैं। क्योंकि कोई भी मंत्री बनने के बाद भी 6 महीने तक अपने पद पर रह सकता है। यह भी हो सकता है कि राज्यसभा में उन्हें भेजा जा सकता है।
संगठन में दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी
राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल का कहना है कि बीजेपी यह जानती है कि शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश का बड़ा चेहरा हैं। राज्य की जनता की नब्ज जानते हैं। ऐसे में उन्हें मेरे ख्याल से जल्द ही संगठन के काम में लगाया जा सकता है। सत्ता के बाद अब उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
शुरू से नहीं थे सीएम पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान!
दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस बार चुनाव लड़ने पर भी शुरू में संशय दिखाया था। उन्होंने खुद अपने क्षेत्र की जनता से पूछा था कि वे चुनाव लड़ें या नहीं। हालांकि उन्होंने चुनाव लड़ा। शिवराज सिंह चौहान ने हाल के समय में अपने परिवार के साथ भोपाल के एक रेस्टॉरेंट में भोजन किया था। चुनाव के बाद वे बड़े रिलेक्स मूड में नजर आए। बॉडी लैंग्वेज से भी यह लग रहा था कि वे सीएम पद की रेस में खुद को लगभग अलग मान रहे थे। उन्होंने विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद और बीजेपी के बहुमत में आने के बाद छिंदवाड़ा जाकर विधायकों से मुलाकात की थी और कहा था कि वे लोकसभा में 29 सीटें दिलाने के अपने संकल्प पर चल पड़े हैं। फिर उन्होंने वीडियो जारी कर अपने मन की बात कही थी। उन्होंने एमपी में बीजेपी की जीत में लाड़ली बहना योजना को काफी बड़ा कारण माना। हालांकि अब सोमवार को विधायक दल की बैठक में यह तय हो गया कि अब शिवराज का 'राज' नहीं, नए नेता को बीजेपी सीएम के लिए कमान दी जाएगी। इसके साथ ही मोहन यादव को नए सीएम बनाने की घोषणा हो गई।