मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए इनकम टैक्स और लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। परिवहन विभाग के सेवानिवृत्त आरक्षक सौरभ शर्मा के घर से करीब 8 करोड़ रुपये की संपत्ति मिलने और उनसे जुड़ी अन्य संदिग्ध गतिविधियों को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बयान देते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।
विपक्ष ने बताया 20 हजार करोड़ का घोटाला
यह मामला तब सामने आया जब लोकायुक्त की छापेमारी में सौरभ शर्मा के घर से अकूत संपत्ति बरामद की गई। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग को सौरभ शर्मा से जुड़े चेतन सिंह गौर की गाड़ी से 54 किलो सोना और 235 किलो चांदी मिली, जिससे पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई। विपक्षी दलों ने इसे महज एक छोटा सा घोटाला न मानते हुए इसे प्रदेश में 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला बताया। इसके साथ ही सौरभ शर्मा के घर से एक एक डायरी भी मिली, जिसमें यह खुलासा हुआ कि वह परिवहन विभाग के तमाम जिम्मेदारों के जरिए करोड़ों की डील को जिम्मेदारों तक पहुंचाता था।
"करप्शन की खबर पर सख्त कदम उठाएंगे"
इन घटनाओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "हमारी सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण निर्णय टोल बैरियर पर हो रही वसूली को रोकने का था। उन्होंने आगे कहा, "हम किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी सरकार लगातार इस पर कार्रवाई करती रहेगी और जहां भी करप्शन की खबर मिलेगी, हम सख्त कदम उठाएंगे। हम सुशासन के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश-प्रदेश के साथ कदम मिलाकर सभी प्रकार के विकास के काम चलाते रहेंगे।"
दरअसल, सौरभ शर्मा भी इसी परिवहन विभाग में रहा है, जिसके टोल बैरियर पर वसूली चलने की खबरें आने के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 1 जुलाई से मध्य प्रदेश के अंतर राज्य सीमाओं पर तमाम परिवहन जांच चौकिया यानी आरटीओ चेकपोस्ट बंद कर दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का प्रयास हमेशा यह रहेगा कि कोई भी भ्रष्टाचार या वसूली प्रदेश में न हो।
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