केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अखिलेश यादव और जयराम रमेश समेत कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश को बुंदेलखंड की जनता मारेगी। बुंदेलखंड की जनता के अंदर आक्रोश है और कांग्रेस को बुंदेलखंड की वास्तविकता का परिचय नहीं है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर चुटकी लेते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हमारी तारीफ की है। उन्होंने कहा नदी जोड़ो नेताजी का सपना था। जयराम रमेश और मनमोहन सिंह की सरकार ने अटल जी की सरकार जाने के बाद नेताजी के सपने को तोड़ा था तो यह कीमत वो चुकाएंगे।
मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस का कभी भी डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं रहा है। कांग्रेस ने लंबे समय तक बुंदेलखंड को दबाया है। मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने इस योजना को प्राथमिकता दी।
बुंदेलखंड में आठ दिन के अंदर दो बड़ी योजनाएं
मोहन यादव ने कहा "यह तो सबके सामने जाहिर है। सूखा मध्य प्रदेश यानी बुंदेलखंड में पड़ा है और बुंदेलखंड की धरती वह धरती है, जिसने देश के लिए सदैव बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी है। लेकिन प्रकृति की मार के आगे बेबस रही है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 दिन के अंदर दो बड़ी-बड़ी परियोजना शुरू की। पार्वती काली सिंध चंबल योजना और सबसे बड़ी केन बेतवा योजना। यह नदी जोड़ो अभियान के तहत विश्व की पहली बड़ी योजना थी। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि यह दोनों परियोजनाएं मध्य प्रदेश से अपना नया अध्याय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद के बाद लिख रही हैं।
अखिलेश को दिया जवाब
अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट पर लिखा था "‘नदियों को जोड़ना, देश को जोड़ने का काम होता है’ इसी बड़ी सोच के साथ अपने नेताजी ने ‘देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना’ की संकल्पना की थी और मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री जी के साथ केन-बेतवा लिंकिंग प्राजेक्ट के एमओयू को हस्ताक्षरित कर के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी को प्रस्तुत किया था। इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेय जल और विद्युत उत्पादन के साथ-साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जल स्तर मे सुधार और इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नये दरवाजे खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नजरिया काम कर रहा था। अगर वर्तमान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही प्राथमिकता दी होती तो नेताजी का ये महान कार्य और पहले ही शुरू होकर अब तक पूर्ण हो जाता।"
अखिलेश के जवाब में मोहन यादव ने कहा कि मैं मानकर चल रहा हूं अखिलेश जी ने हमारी तारीफ की है। उन्होंने कहा नदी जोड़ो नेताजी का सपना था। वह मैंने देखा है एक तरह से उन्हें नदी जोड़ो अभियान के लिए यह प्रश्न तो कांग्रेस से पूछना चाहिए था। जब जयराम और मनमोहन सिंह की सरकार ने अटल जी की सरकार जाने के बाद सपने को तोड़ा था तो यह कीमत वो चुकाएंगे। उन्होंने आगे कहा "जयराम रमेश हों या कांग्रेस हो इन्होंने सदैव बुंदेलखंड के साथ बुरा किया है। विकास कांग्रेस कभी पसंद नहीं करती। नदी जोड़ो आज भी वह लिख रहे हैं कि यह गलत है। बुंदेलखंड की जनता मारेगी, जनता को इतना आक्रोश है। यहां के लोगों से पूछो पीने का पानी नहीं होता है। नदी में पानी नहीं होता है तो पलायन करना पड़ता है, परेशानी आती है। जय राम रमेश को यहां की बुंदेलखंड की वास्तविकता का परिचय नहीं है, यह बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है।
कांग्रेस का कभी डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं रहा
मैंने बोला ना कांग्रेस का कभी भी डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं रहा है कांग्रेस ने लंबे समय तक क्षेत्र को दबाया है। मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने प्रायोरिटी पर इस योजना को आगे लिया है। उन्होंने दो राज्यों को प्रेरित किया। अब मध्य प्रदेश और राजस्थान, 8 दिन के अंदर दोनों का भूमि पूजन हो रहा है। कठिनाइयां बहुत थीं, लेकिन मोदी ने केंद्र से पैसा दिया।
मोहन यादव ने कहा "यह बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि हर चीज को चुनावी एंगल से देखेंगे तो गलत होगा। आज यहां पर इतिहास लिखा जा रहा है उसके वीडियो बच्चे देखेंगे। गंगा भागीरथ आए थे आज उनका परिवार कहां है किसी को नहीं मालूम, लेकिन गंगा जी से दुनिया में भारत की पहचान है। ऐसी कोई योजना होती है जिससे मनुष्य की पहचान बनती है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि बेतवा नदी जोड़ो योजना हो या पार्वती काली से चंबल योजना सब नरेंद्र मोदी जी के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार के खाते में आ रहे हैं।"