Madhya Pradesh CM Mohan Yadav Swearing in Ceremony: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। वे मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ। जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने डिप्टी उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सभी को शपथ दिलाई। फिलहाल कोई और विधायक ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत अन्य नेता समारोह में शामिल हुए।
इन राज्यों के सीएम समारोह में हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन को भव्य बनाया गया था। ये कार्यक्रम 10 मिनट चला। बीजेपी के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों में उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के पुष्कर धामी के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शपथ ग्रहण में शामिल हुए हैं। बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा और निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह की तैयारियों की समीक्षा की थी।
5वीं बार सीएम पद संभालने का रिकॉर्ड बनाने से चूके शिवराज
शपथ लेने से पहले मोहन यादव ने कहा, "सभी को साथ लेकर चलूंगा और सुशासन सुनिश्चित करूंगा।" राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे विश्वास है कि नए मुख्यमंत्री राज्य में समृद्धि, विकास और जन कल्याण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।" तीन दिसंबर को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से चल रही अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया, जब बीजेपी ने सोमवार को मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर नाम का ऐलान किया। इसके साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान 5वीं बार मुख्यमंत्री पद संभालने का रिकॉर्ड बनाने से चूक गए।
2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे यादव
मोहन यादव को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का करीबी माना जाता है। हालांकि, उन्हें खुद भी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद नहीं थी। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं, जिनकी संख्या राज्य की जनसंख्या में 48 फीसदी से अधिक है। सोमवार को मुख्यमंत्री नामित होने के बाद मोहन यादव ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की और अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था। यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2018 और फिर 2023 में विधानसभा सीट बरकरार रखी। पिछले महीने के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत पा लिया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी की भूमिका में आ गई।