मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका ने कथित तौर पर मोबाइल फोन ढूंढने के लिए नाबालिग छात्राओं की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली। अब इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और एक हफ्ते में घटना को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में जवाब मांगा है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायत के हवाले से बताया गया है कि ये घटना 2 अगस्त की है। इंदौर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की एक कक्षा में मोबाइल की घंटी बजी थी। मोबाइल को ढूंढने के लिए एक शिक्षिका ने कम से कम पांच छात्राओं को शौचालय में ले जाकर कथित तौर पर उनके कपड़े उतरवाए और उनकी तलाशी ली। शिक्षिका के खिलाफ दर्ज शिकायत में छात्राओं के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, शिक्षिका को संबंधित सरकारी विद्यालय से हटा कर जिला शिक्षा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
राज्य सरकार को नोटिस
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने नोटिस में कहा है कि सरकार हफ्ते भर के भीतर रिपोर्ट पेश करे कि इस मामले में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर अब 17 अगस्त को सुनवाई करेगी।
पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया है कि परिजनों की ओर से पुलिस को शिकायत देने के बाद भी इस मामले में पॉक्सो अधिनियम प्रावधानों का पालन नहीं हुआ है। याचिका में कोर्ट से पॉक्सो अधिनियम का पालन सुनिश्चित करवाने और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाने की मांग की गई है। (इनपुट: भाषा)
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