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NEET-UG एग्ज़ाम में मेधावी छात्रा को मिले 720 में से जीरो नंबर, इंदौर हाई कोर्ट ने NTA से ओरिजिनल रिकॉर्ड मांगा

NEET-UG की परीक्षा में एक मेधावी छात्रा के OMR शीट के साथ गड़बड़ी कर दी गई है। जुलाई में आयोजित NEET-UG की परीक्षा में छात्रा को 720 में से 0 अंक आए थे जिसके बाद छात्रा ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। अब उसे लेकर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने NTA से इस उम्मीदवार का ओरिजिनल रिकॉर्ड तलब किया है।

Edited By: Pankaj Yadav
Published on: September 21, 2022 20:30 IST
Madhya Pradesh High Court - India TV Hindi
Madhya Pradesh High Court

Highlights

  • NEET-UG की मेधावी छात्रा को मिले 0 अंक
  • हाई कोर्ट ने NTA से अरिजिनल रिकॉर्ड मांगा
  • छात्रा ने कहा- मेरी OMR शीट बदल दी गई है

NEET-UG की परीक्षा में एक मेधावी छात्रा के OMR शीट के साथ गड़बड़ी कर दी गई है। जुलाई में आयोजित NEET-UG की परीक्षा में छात्रा को 720 में से 0 अंक आए थे जिसके बाद छात्रा ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। अब उसे लेकर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने NTA से इस उम्मीदवार का ओरिजिनल रिकॉर्ड तलब किया है। 

केंद्र सरकार के वकील ने मूल रिकॉर्ड मंगाने के लिए हफ्ते भर की मोहलत मांगी

इंदौर हाईकोर्ट पीठ के जज सुबोध अभ्यंकर ने राज्य के आगर-मालवा जिले की परीक्षार्थी लिपाक्षी पाटीदार (19) की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के एक वकील ने परीक्षार्थी का मूल रिकॉर्ड मंगाने के लिए हफ्ते भर की मोहलत मांगी और इस गुहार को अदालत ने मंजूर कर लिया। एकल पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की और कहा कि अगर जरूरत हो तो सरकार की ओर से इस तारीख तक परीक्षार्थी की याचिका पर संक्षिप्त जवाब प्रस्तुत किया जा सकता है। 

छात्रा का आरोप- OMR आंसरशीट बदली गई

याचिकाकर्ता के वकील धर्मेन्द्र चेलावत ने बताया कि उनकी क्लाइंट लिपाक्षी ने 17 जुलाई को आयोजित नीट परीक्षा में 200 में से 161 ऑबजेक्टिव प्रश्नों के जवाब दिए थे और उसे अपने चयन का भरोसा था, लेकिन सात सितंबर को जब रिजल्ट आया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि उसे इसमें 0 अंक दिया गया था। उन्होंने बताया कि जब उनकी क्लाइंट ने उसे ई-मेल से भेजी गई OMR आंसरशीट देखी, तो उसे फिर सदमा लगा क्योंकि यह पूरी तरह से खाली थी और इसमें एक भी जवाब दर्ज नहीं था। चेलावत ने बताया कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 80 प्रतिशत से ज्यादा अंकों से उत्तीर्ण करने वाली याचिकाकर्ता को संदेह है कि फर्जीवाड़े के जरिए उसकी OMR आंसरशीट बदल दी गई है। 

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